पाकिस्तान में अगले साल फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है.
क्या पाकिस्तान में अगले साल फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी होगी?
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दिखने में करीब-करीब एक जैसी लगने वाली इन दोनों बातों में फर्क जमीन और आसमान का ही है. हर दिन सुलगते सवाल और नए समीकरण सामने आ रहे हैं. लेकिन आखिर ऐसा क्या है कि जब भी भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट खेलने की बात आती है तो सब तरफ से हर तरह के कैलकुलेटर निकल आते हैं. वजह है दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा राजनीतिक तनाव. वजह है अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों पर नकेल कसने में पाकिस्तान की नाकामी. और इसीलिए जबकि चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने में चार महीने से भी कम का वक्त बचा है, अभी तक ये तय नहीं हो सका है कि आईसीसी का ये प्रतिष्ठित टूर्नामेंट पूरा का पूरा पाकिस्तान में ही खेला जाएगा या नहीं. अगर नहीं तो ये पहली बार नहीं होगा कि भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव को देखते हुए मैचों की तारीख या उसका वेन्यू बदलना पड़ेगा. अतीत में कब-कब कहां-कहां ऐसा हुआ है, ये जानना भी कम दिलचस्प नहीं है.
1952-53 : इस दौरे से हुई दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज की शुरुआत
दोनों देशों के बीच आपस में हुआ ये सबसे पहला दौरा था जब पाकिस्तान की टीम अब्दुल कारदर की कप्तानी में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने भारत आई. आजादी के बाद पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास का भी ये पहला टेस्ट था जो 16 अक्टूबर से शुरू हुआ. दिल्ली में हुआ पहला टेस्ट भारत ने पारी और 70 रन से जीता. लखनऊ का दूसरा टेस्ट पारी और 43 रन से जीतकर पाकिस्तान ने अपने टेस्ट इतिहास की पहली जीत दर्ज की. तीसरा मैच बांबे में खेला गया जो भारत ने 10 विकेट से कब्जाया. इसके बाद मद्रास और कलकत्ता के टेस्ट ड्रॉ रहे और भारत ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की. इसके बाद 1954-55 में पाकिस्तान तो 1960-61 में भारत ने इतने ही टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए एक-दूसरे की मेजबानी की. मजे की बात ये रही कि दोनों दौरों के सभी 10 टेस्ट ड्रॉ रहे.
1962-1977 : करीब 17 साल तक भारत-पाक के बीच नहीं हुआ क्रिकेट
साल 1962, 1965 और 1971 की जंग के चलते दोनों देशों के बीच करीब 17 साल तक क्रिकेट संबंध टूट गए. भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में आया ये अभी तक का सबसे बड़ा गैप है. 1961 से छूटे ये रिश्ते साल 1978 में जाकर बहाल हुए जब भारतीय टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई. बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में तीन मैचों की सीरीज में टीम इंडिया को 1-2 से हार मिली. 27 सितंबर से 19 नवंबर तक चली सीरीज में पाकिस्तान की कमान मुश्ताक मोहम्मद के हाथों में थी.
1984 : इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पाकिस्तान दौरे से बीच में लौटी भारतीय टीम
टीम इंडिया 14 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चले इस दौरे पर पाकिस्तान गई. सीरीज में 3 टेस्ट खेले जाने थे. शुरुआती दोनों टेस्ट ड्रॉ रहे. इसके बाद लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में तीसरा टेस्ट खेला जा रहा थी लेकिन तभी भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की खबर मिलने के तुरंत बाद भारतीय टीम को स्वदेश लौटना पड़ा.
1990-91 : पाकिस्तान ने एशिया कप के लिए भारत आने से किया इनकार
एशिया कप का ये चौथा सीजन 25 दिसंबर 1990 से 4 जनवरी 1991 के बीच भारत में खेला गया, लेकिन राजनीतिक तनाव के चलते पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया. जिसके बाद भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच एशिया कप खेला गया जिसे टीम इंडिया ने जीता.
1991: कश्मीर विवाद के चलते रद्द हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज
पाकिस्तान को साल 1991 में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत दौरे पर आना था लेकिन कश्मीर विवाद के चलते इस दौरे को रद्द करना पड़ा.
1991 : शिवसेना ने खोद दी वानखेडे की पिच, पाकिस्तान का भारत दौरा रद्द
पाकिस्तान की टीम को इमरान खान की कप्तानी में पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलने के लिए भारत का दौरा करना था. लेकिन इससे ठीक पहले शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के वानखेडे स्टेडियम की पिच खोद दी और भारी विरोध के चलते इस पूरे दौरे को ही रद्द करना पड़ा.
1993 : पाकिस्तान ने हीरो कप से नाम वापस लिया
हीरो कप 7 से 27 नवंबर तक छह देशों के बीच खेला जाना था लेकिन पाकिस्तान ने भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों का हवाला देते हुए सिर्फ चार दिन पहले इसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. भारत में आयोजित हुए इस टूर्नामेंट में श्रीलंका, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे ने भी हिस्सा लिया. टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को मात देकर खिताब अपने नाम किया.
1994 : तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से पाकिस्तान ने मुंह मोड़ा तो भारत ने श्रीलंका को बुलाया
पाकिस्तान क्रिकेट टीम को साल 1993-94 में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत का दौरा करना था लेकिन सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने नाम वापस ले लिया. इसके बाद पाकिस्तान की जगह श्रीलंका को भारत दौरे पर बुलाया गया और टीम इंडिया ने ये सीरीज अपने नाम की.
1996-1999: कारगिल की जंग के चलते भारत ने सहारा कप जारी रखने से किया इनकार
भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच न्यूट्रल वेन्यू पर खेली जाने वाली ये सबसे बड़ी जंग थी लेकिन साल 1999 में कारगिल वॉर के चलते भारत ने इसे जारी रखने से इनकार कर दिया.
2009: मुंबई आतंकी हमले के बाद यूं बदल गए हालात
साल 2009 में भारतीय टीम का तीन टेस्ट और पांच वनडे मैचों के लिए पाकिस्तान के दौरे पर जाना भी प्रस्तावित था लेकिन 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने इस दौरे पर जाने से साफ मना कर दिया.
2018: राजनीतिक तनाव के चलते बदला गया एशिया कप का वेन्यू
एशिया कप के इस सीजन का आयोजन 15 से 28 सितंबर के बीच भारत में होना था, लेकिन पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के चलते बाद में इसे यूएई शिफ्ट कर दिया गया. फाइनल में बांग्लादेश को हराकर टीम इंडिया ने सातवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया. भारत-पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान और हांगकांग ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया.
2023: हाईब्रिड मॉडल से निकला एशिया कप का रास्ता
पिछले साल हुए इस एशिया कप का आयोजन पाकिस्तान में होना था लेकिन भारत के इनकार के बाद इसे हाईब्रिड मॉडल के तहत आयोजित किया गया. 30 अगस्त से 17 सितंबर के बीच खेले गए टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने अपने मैच श्रीलंका में खेले और फाइनल में श्रीलंका को हराकर आठवीं बार खिताब जीता.
स्पोर्टस तक ने दी थी एक्सक्लूसिव खबर
स्पोर्टस तक ने सबसे पहले ये जानकारी दी थी कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर तीन विकल्पों पर विचार कर रही है जिसमें नई योजना पूरे टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर कराने की भी है.
- पहला रास्ता : पूरे टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान में होगा
- दूसरा रास्ता : चैंपियंस ट्रॉफी हाईब्रिड मॉडल के तहत होगी जिसमें भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले दुबई में खेलेगी.
- तीसरा रास्ता : पूरी चैंपियंस ट्रॉफी दुबई, श्रीलंका या साउथ अफ्रीका में हो सकती है लेकिन मेजबानी अधिकार पाकिस्तान के पास ही रहेंगे.
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