आईपीएल 2025 फाइनल के बाद बेंगलुरु में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत का जश्न देखते ही देखते मातम में बदल गया. अब क्रिकेट की दुनिया से एक और बुरी खबर आई है. भारतीय खिलाड़ी का ट्रेन में निधन हो गया है. जिससे क्रिकेट की दुनिया सदमे में हैं. ट्रेन में दुनिया को अलविदा कहने वाले क्रिकेटर का नाम विक्रम सिंह है. वह अपनी टीम के साथ एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए ग्वालियर जा रहे थे, लेकिन इसी दौरान ट्रेन में उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनका निधन हो गया.
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बताया जा रहा है कि दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद साथी खिलाड़ियों ने रेलवे से मदद मांगी, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी मदद नहीं मिली. फिलहाल विक्रम के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस में रखा गया है. परिजनों के आने के बाद उन्हें सौंप दिया जाएगा. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के दिव्यांग क्रिकेटरों की टीम एक टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से ग्वालियर आ रही थी; इसी दौरान निजामुद्दीन स्टेशन के पास क्रिकेटर विक्रम की तबीयत बिगड़ने लगी. विक्रम की तबीयत बिगड़ने के बाद साथी खिलाड़ियों ने रेलवे से मदद मांगी, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिल पाई. वहीं मथुरा पहुंचने से पहले ट्रेन डेढ़ घंटे तक खड़ी रही, जिस वजह से विक्रम ने ट्रेन में ही दम तोड़ दिया.
पंजाब टीम के साथ विक्रम जा रहे थे ग्वालियर
विक्रम पंजाब के अहमदगढ़ मंडी के पिहड़ी गांव के रहने वाले थे. उनके साथ पंजाब टीम से पवन, राजा, निर्मल और प्रवीन शामिल थे. पवन ने बताया कि पांच जून से ग्वालियर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट है. वह अपने पांच साथियों के साथ बुधवार सुबह साढ़े चार बजे दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में बैठे थे.
मथुरा जंक्शन पर ट्रेन सुबह 8.10 पर पहुंची तो रेलवे के डॉक्टरों ने विक्रम की जांच की, लेकिन तब तक विक्रम की मौत हो चुकी थी. इसके बाद विक्रम के सभी साथी जंक्शन पर उतर गए. साथी क्रिकेटरों का कहना था कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो विक्रम को बचाया जा सकता था. जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया विक्रम के साथियों ने रेलवे के नंबर पर शिकायत की थी, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई. क्रिकेटर के परिजन आ रहे हैं. उसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा.
साथी प्लेयर्स का कहना है कि विक्रम की मौत समय पर इलाज ना मिलने से हुई. वह इस बात से निराश हैं कि उन्हें टीम इंडिया जैसे क्रिकेटरों की तरह तवज्जो नहीं मिलती. उनका कहना है कि अगर ऐसा बीसीसीआई के मान्यता प्राप्त किसी घरेलू क्रिकेटर के साथ हुआ होता तो तुरंत इलाज मिलता, लेकिन विक्रम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पड़े हैं और उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा. कप्तान सोमजीत का कहना है कि उनकी राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से भी कोई जवाब या मदद नहीं पहुंची.
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