भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जूझ रही है. ब्रिस्बेन टेस्ट में उसकी हालत पतली है. बारिश के लगातार खलल के बाद भी भारतीय बल्लेबाज मेजबान टीम को जीत से दूर रखने में नाकाम हो रहे हैं. 17 दिसंबर की तारीख भारतीय क्रिकेट के लिए पहले भी बुरी खबर लेकर आई थी. 12 साल पहले आज ही के दिन भारत को घर पर टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी थी. हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से टेस्ट सीरीज गंवाने से पहले वह भारत की घर पर आखिरी सीरीज हार थी. इंग्लैंड के हाथों वह नाकामी मिली थी. एलिस्टर कुक की कप्तानी वाली इंग्लिश टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम को 2-1 से सीरीज में धूल चटाई थी.
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नागपुर में खेले गए चार मैच की सीरीज के आखिरी टेस्ट का 17 दिसंबर 2012 को आखिरी दिन था और उस मुकाबले को इंग्लैंड ने ड्रॉ कराया था. मेहमान टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 330 रन बनाए. उसके लिए केविन पीटरसन और जो रूट ने 73-73 रन की पारियां खेली तो मैट प्रायर (57) और ग्रीम स्वान (56) ने अर्धशतक लगाए. भारत के लिए पीयूष चावला ने चार और इशांत शर्मा ने तीन विकेट लिए. इसके जवाब में भारत ने पहली पारी में नौ विकेट पर 326 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. विराट कोहली ने शतक लगाया और 103 रन की पारी खेली तो कप्तान धोनी ने 99 रन बनाए. उनके अलावा बाकी बल्लेबाज नाकाम रहे. इंग्लैंड की ओर से जेम्स एंडरसन ने चार और ग्रीम स्वान ने तीन शिकार किए.
इंग्लैंड का दूसरी पारी में धमाकेदार खेल
इंग्लिश बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में भी कमाल की बैटिंग की और भारत के जीतने के अरमानों पर पानी फेर दिया. इस बार जॉनाथन ट्रॉट ने 143 और इयान बेल ने 116 रन की शतकीय पारियां खेलीं. इससे इंग्लैंड ने दूसरी पारी में चार विकेट पर 352 का स्कोर बनाकर पारी घोषित की. भारत ने इंग्लैंड के विकेट चटकाने के लिए गौतम गंभीर से भी बॉलिंग कराई. उन्होंने दो ओवर डाले जिसमें चार रन गए.यह उनके टेस्ट करियर में इकलौता मौका था जब बॉलिंग करनी पड़ी. लेकिन मैच का नतीजा निकालने के लिए वक्त नहीं बचा था. ऐसे में भारत को ड्रॉ पर संतोष करना पड़ा और इंग्लैंड ने इतिहास रचते हुए भारतीय जमीं पर 28 साल बाद टेस्ट सीरीज अपने नाम की. उसने मुंबई और कोलकाता टेस्ट जीते थे.