'मुझे किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए', अर्श से फर्श पर गिरने के बाद पृथ्‍वी शॉ ने बनाई इस चीज से दूरी, करियर को फिर शुरू करने के लिए उठाया कदम

करियर को फिर से पटरी पर लाने के लिए पृथ्‍वी शॉ मुंबई छोड़कर महाराष्‍ट्र टीम में चले गए, जहां उन्‍होंने अपने पहले ही मैच में शतक लगा दिया.

Profile

किरण सिंह

अपडेट:

SportsTak Hindi

Story Highlights:

पृथ्‍वी शॉ ने शतक के साथ महाराष्‍ट्र के लिए डेब्‍यू किया.

पृथ्‍वी शॉ की नजर टीम इंडिया में वापसी की.

एक समय था, जब पृथ्‍वी शॉ को भारतीय क्रिकेट का अगला सुपरस्‍टार माना जा रहा था. 2018 में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ टेस्‍ट में शतक के साथ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्‍यू करने वाले शॉ के सितारे चमक रहे थे, मगर देखते ही देखते वह अर्श से फर्श पर आ गिरे. भारतीय टीम से निकाले गए. आईपीएल में किसी भी फ्रेंचाइज ने नहीं खरीदा. यहां तक कि अपने घरेलू टीम मुंबई की रणजी टीम से बाहर हो गए. इसके अलावा वह काफी विवादों में भी रहे. ग्राफ नीचे जाने के बाद शॉ ने करियर को फिर से शुरू करने का फैसला लिया और मुंबई छोड़कर महाराष्‍ट्र टीम में चले गए. जहां उन्‍होंने बुची बाबू टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ के खिलाफ शतक लगाकर महाराष्‍ट्र के डेब्‍यू किया.

Asia cup 2025 की टीम में 'एक्स-फैक्टर' को नजरअंदाज करने पर हरभजन ने की अजीत अगरकर की खिंचाई, खूब खरी खोटी भी सुनाई

इस मैच के दूसरे दिन स्टंप्स के बाद शॉ ने कहा कि उन्‍हें फिर से शुरुआत करने में कोई आपत्ति नहीं है,क्योंकि उन्‍होंने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. क्रिकइंफाे के अनुसार शॉ अब अपने बल्‍ले से ही सब कुछ कहना चाहते हैं. शॉ ने कहा कि उन्‍हें किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए. शॉ ने कहा-

मुझे फिर से शुरुआत करने में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं.मैं ऊपर गया हूं, नीचे गया हूं, फिर ऊपर आया हूं. इसलिए मुझे लगता है कि सब कुछ संभव है. मैं एक बहुत ही आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं, मुझे खुद पर, अपनी कार्यशैली पर पूरा भरोसा है. मुझे उम्मीद है कि यह सीजन मेरे और मेरी टीम के लिए बहुत अच्छा रहेगा.

उन्‍होंने आगे कहा-

मैं कुछ भी बदलना नहीं चाहता. मैं बस बेसिक्स पर वापस लौट आया, वहीं सब करने लगा जो मैं अंडर-19 के दिनों में करता था, जिसकी वजह से मैं भारतीय टीम में पहुंचा. बस वही सब फिर से करने लगा, आप जानते हैं, ज़्यादा अभ्यास, जिम, दौड़ना. ये छोटी-छोटी बातें हैं. जाहिर है, ये इतनी बड़ी नहीं हैं, क्योंकि मैं ये सब 12 और 13 साल की उम्र से कर रहा हूं.

 

 

शॉ करियर को फिर से शुरू करने की कोशिश में ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचने की भी कोशिश कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा-

 

बस खुद बनने की कोशिश कर रहा हूं और सोशल मीडिया वगैरह जैसी किसी भी चीज में बिजी रहने की कोशिश नहीं कर रहा हूं. आजकल सोशल मीडिया काफी बुरा है. जब मैं इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा होता हूं तो यह एक तरह की शांति है. मेरे लिए यह हमेशा सीखने के बारे में है और जैसा कि मैंने पहले कहा, मुझे खुद पर और मैं जो हूं उस पर पूरा भरोसा है.

शॉ का ध्यान अब घरेलू स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर है और उन्‍हें उम्मीद है कि लगातार रन बनाने से भविष्य में भारतीय टीम में उनकी वापसी का रास्ता खुलेगा.

Asia Cup 2025: 'गलत हुआ', श्रेयस अय्यर को नहीं चुनने पर भड़के अश्विन, बोले- अगर शुभमन जोरदार फॉर्म में तो फिर...

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share