Exclusive: 29 शतक और 8 हजार से ज्यादा रन के बाद भी टीम इंडिया में न खेल पाने पर दिग्गज ने तोड़ी चुप्पी, कहा- शिकायत नहीं है लेकिन...

प्रियांक पांचाल ने मई 2025 में क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया. वे एक बार भारतीय टीम में चुने गए थे लेकिन खेलने का मौका नहीं मिल पाया.

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प्रियांक पांचाल

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प्रियांक पांचाल ने गुजरात की ओर से सर्वाधिक फर्स्ट क्लास शतक बनाए.

प्रियांक पांचाल ने इंडिया ए की कप्तानी संभाली.

प्रियांक पांचाल ने घरेलू क्रिकेट में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया.

घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बाद भी जब भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका नहीं मिला तो प्रियांक पांचाल ने संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने मई के आखिर में यह फैसला किया. गुजरात के लिए 2008 से 2025 तक 18 साल तक वे खेले और इस दौरान लगातार रन बनाए. उन्हें एक बार भारतीय टीम में शामिल किया गया लेकिन डेब्यू नहीं हो सका. प्रियांक पांचाल को इसकी शिकायत नहीं है. उनका कहना है कि भारत के लिए खेलने का सपना था लेकिन जब कुछ नहीं मिलता तो उसकी शिकायत क्यों रखनी.

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प्रियांक ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 29 शतक लगाए और साढ़े आठ हजार से ज्यादा रन बनाए. इसके जरिए वह गुजरात की ओर से दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. 2021-22 के साउथ अफ्रीका दौरे पर उन्हें रोहित शर्मा के रिप्लेसमेंट के रूप में टीम इंडिया में लिया गया था. प्रियांक ने भारत के लिए नहीं खेल पाने के बारे में स्पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा,

जब खेलना शुरू किया था तब से एक ही सपना था कि इंडिया खेलना है. इस दौरान सभी से काफी सपोर्ट मिला. मैंने काफी कुछ हासिल किया. पहले स्टेट लेवल पर खेला फिर रणजी ट्रॉफी में खेलने लगा. इसके बाद इंडिया ए में गया, वहां पर कप्तानी भी की. रन भी बनाए. यह सब चीजें करने के बाद निश्चित रूप से उम्मीद होती है कि वह मेरे को मिलना ही चाहिए. लेकिन मैं थोड़ा अलग तरह से सोचता हूं. आप जब भी कुछ उम्मीद नहीं करते थे, तब भी तो आपको मिला था. उस समय तो आप शिकायत नहीं करते. उस समय अगर नहीं मिलता तब शिकायत नहीं होती है. जीवन ऐसे ही चलता है. एक समय आता है जब आप टॉप से नीचे आते हैं. शायद मैं हकदार नहीं था. बहुत सारी चीजें तो मेरे को मिली और हो सकता है मैं उन्हें डिजर्व नहीं कर था. इसलिए मैं शिकायत नहीं कर सकता. मैं इसी तरह से पला-बढ़ा हूं. 

पांचाल बोले- खींच-खींचकर नहीं खेलना था

 

पांचाल ने 35 साल की उम्र में संन्यास लिया. आमतौर पर भारतीय क्रिकेट इस उम्र में खेल से दूर नहीं होते हैं. प्रियांक ने कहा कि वे खींच-खींचकर नहीं खेलना चाहते थे. उन्होंने बताया, बहुत कुछ चीजें मैंने सोची थी. परिवार के साथ बात की थी. यह फैसला आसान नहीं था.  बहुत सारे लोगों ने बोला कि मैं खेल सकता हूं लेकिन मैंने रिटायरमेंट का फैसला बहुत ही प्रैक्टिकल होकर किया. क्रिकेट हो या कोई भी खेल उसमें उम्र असर डालती है. आप देखते हैं कि आपने जो बेस्ट किया क्या उससे ऊपर जा सकते हैं या नहीं. ऐसे में देखा कि यही संन्यास का सही समय है. मेरा मानना था कि जब सब हो तभी रिटायर होना है. खींच-खींचकर खेलना और टीम और प्रदर्शन में कमी आए उससे पहले रिटायर होना चाहिए. 

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