रोहित शर्मा का टेस्ट करियर उतार- चढ़ाव की तरह था. शुरुआत में उन्हें मौका नहीं मिला लेकिन बाद में रवि शास्त्री के जरिए लिए गए एक फैसले ने इस खिलाड़ी की जिंदगी बदल दी. ये फैसला साल 2019 में लिया गया था. रोहित इस दौरान मिडिल ऑर्डर में संघर्ष कर रहे थे. लेकिन रवि शास्त्री ने उन्हें हिम्मत दी और टीम इंडिया का सबसे बड़ा ओपनर बनाया. साल 2019 से पहले रोहित व्हाइट बॉल क्रिकेट सुपरस्टार थे.
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रोहित ने टी20 और वनडे में कमाल का प्रदर्शन किया है. रोहित ने साल 2019 वर्ल्ड कप में कुल 5 शतक लगाए थे. लेकिन टेस्ट में रोहित ने करियर की शुरुआत में 5वें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी की. इस दौरान 20, 30 रन बनाने के बाद वो ऊब जाते थे.
शास्त्री की बदौलत टेस्ट में मिली ओपनिंग
टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने रोहित का ये हाल देखा और फिर एक अलग आइडिया लेकर आए. इस दौरान उन्हें ये अहसास हुआ कि रोहित शर्मा को वनडे में टॉप ऑर्डर में बैटिंग करना पसंद है. ऐसे में रोहित टेस्ट में भी ऐसा ही कर सकते हैं. शास्त्री ने रोहित शर्मा की स्किल देखी थी और तब उन्हें यकीन हुआ कि वो गेंदबाजों को चैलेंज कर सकते हैं.
रवि शास्त्री ने इसके बाद कप्तान विराट कोहली से वेस्टइंडीज दौरे पर बात की और साल 2019 में उन्होंने विराट को मना लिया कि रोहित को ओपन करना चाहिए. रोहित ने इसके बाद ओपनिंग की और पहले टेस्ट में ही शतक ठोक दिया. इसके बाद रोहित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. रोहित ने 7 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया. उन्होंने 67 मैचों में 4301 रन बनाए. इसमें उन्होंने ओपनर के तौर पर 2697 रन बनाए.
बता दें कि रोहित शर्मा इंग्लैंड दौरे पर जाना चाहते थे और कप्तानी करना चाहते थे. उन्होंने माइकल क्लार्क के साथ पॉडकास्ट में ये बात कही थी. लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार गौतम गंभीर ने साफ कहा था कि WTC साइकिल के लिए उन्हें युवा खिलाड़ियों की जरूरत है.
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