रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के कप्तान बनना चाहते हैं. उनका कहना है कि वह क्रिकेट को अलविदा कहने से पहल एक बार भारतीय टीम की कप्तानी करना चाहते हैं. आर अश्विन के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए उन्होंने कप्तानी को लेकर दिली ख्वाहिश बताई. अश्विन ने रैपिड-फायर में जडेजा से पूछा कि वह संन्यास लेने से पहले कौनसी एक चीज हासिल करना चाहते हैं. जिसके जवाब में जडेजा ने कहा कि वह भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करना चाहते हैं. उनका कहना है कि वह अपने लंबे करियर में अलग कप्तानों के साथ खेलकर इस भूमिका को बखूबी समझ गए हैं.
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बीते दिनों रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया. कप्तानी की रेस में ऋषभ पंत और केएल राहुल भी थे. हालांकि इस रेस में स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा नहीं थे. अश्विन के पूछने पर कि क्या वह भारत के टेस्ट कप्तान बनना चाहते हैं. इस पर जडेजा ने कहा-
हां , बिल्कुल. इतने सालों में मैं अलग अलग कप्तानों के साथ खेला. मुझे हर कप्तान की शैली के बारे में पता है और यह भी समझता हूं कि खिलाड़ी क्या सोचते हैं और चाहते हैं.
साल 2012 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले जडेजा ने एमएस धोनी की कप्तानी में तीनों फॉर्मेट में डेब्यू किया था और आईपीएल में भी उनकी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के लिये खेले. जडेजा ने कहा-
हर कप्तान की अपनी शैली होती है. मैं हर फॉर्मेट में धोनी की कप्तानी में खेला और उनकी सोच बिल्कुल सरल है. अगर उन्हें लगता है कि कोई बल्लेबाज एक ही जगह पर शॉट खेल सकता है तो वहां वह फील्डर जरूर लगाएंगे.
रोहित के संन्यास के बाद अश्विन ने जडेजा को कप्तान बनाने का समर्थन किया था. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था.
हम रवींद्र जडेजा को क्यों भूल जाते हैं. अगर नया कप्तान चाहिये तो मैं कहूंगा कि दो साल के लिये किसी अनुभवी को कमान सौंपने के बाद नये खिलाड़ी को कप्तानी दी जानी चाहिए.
जडेजा ने यह भी कहा कि टेस्ट टीम की बजाय टी20 में कप्तानी अधिक कठिन है. उन्होंने कहा-
टेस्ट क्रिकेट में आपको गेंदबाज की जरूरत के मुताबिक दो या तीन फील्डर में बदलाव करना होता है, बल्लेबाज के हिसाब से नहीं.
उन्होंने कहा-
टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी अलग है. इसमें ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी होती. यह आईपीएल या टी20 की तरह पेचीदा नहीं है, जहां हर गेंद अहम होती है.
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