श्रीलंका और साउथ अफ्रीका के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के लिए भारतीय महिला टीम का ऐलान 8 अप्रैल को हुआ. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम चुनी गई और इसमें तीन नए चेहरों को जगह दी गई तो तेज गेंदबाज अरुंधति रेड्डी की वापसी हुई. मगर धाकड़ बल्लेबाज शेफाली वर्मा को शामिल नहीं किया गया. उन्हें पिछले साल भारतीय टीम से बाहर किया गया था. लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने टीम इंडिया से निकाले जाने पर घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन करते हुए वापसी के लिए दावा पेश किया मगर उनकी अनदेखी कर दी गई.
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शेफाली ने हाल ही में वीमेंस प्रीमियर लीग में भी अच्छा खेल दिखाया था. दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने 152.76 की स्ट्राइक रेट से नौ पारियों में 304 रन बनाए. वह सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाजों में चौथे स्थान पर रही थी. इससे पहले घरेलू क्रिकेट में सीनियर वीमेंस वनडे ट्रॉफी और सीनियर वीमेंस वनडे चैलेंजर ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन किया था. इन दोनों टूर्नामेंट में वह सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज रही थी. उन्होंने सीनियर वीमेंस वनडे चैलेंजर में पांच मैच में 82.80 की औसत से 414 रन बनाए. इस दौरान एक शतक और तीन फिफ्टी लगाई. उनकी स्ट्राइक रेट 145.26 की रही थी. इस टूर्नामेंट में शेफाली ने 46 चौके और 23 छक्के लगाए थे.
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वहीं सीनियर वीमेंस वनडे ट्रॉफी में हरियाणा की ओर से खेलते हुए सात मुकाबलों में 75.29 की औसत से 527 रन बनाए. इस टूर्नामेंट में दो शतक और इतने ही अर्धशतक उन्होंने लगाए थे. उन्होंने 152.31 की स्ट्राइक रेट से रन जुटाए थे. वहीं 71 चौके और 22 छक्के उड़ाए थे. इस तरह दोनों टूर्नामेंट मे कुल 12 मैच में 941 रन शेफाली ने बनाए लेकिन सेलेक्टर्स को उनका यह प्रदर्शन वापसी लायक नहीं लगा.
शेफाली ने 2019 में टी20 फॉर्मेट के जरिए भारतीय टीम में कदम रखा था. इसके बाद वह तीनों फॉर्मेट की स्थायी सदस्य बन गई थी. मगर पिछले कुछ साल में वनडे और टी20 में रनों की कमी के चलते उन्हें बाहर कर दिया गया. 29 वनडे मुकाबले खेलने के बाद भी उनकी औसत 23 की है. केवल चार फिफ्टी ही वह लगा सकी हैं.
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