विराट कोहली ने पिछले महीने अचानक ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर हर किसी को हैरान कर दिया था. उन्होंने भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले अपने करियर को लेकर बड़ा फैसला. उनके टेस्ट रिटायरमेंट पर काफी दिग्गजों ने भी हैरानी जताई थी. ज्यादातर का मानना था कि वह कम से कम दो साल और खेल सकते थे. अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने कोहली के रिटायरमेंट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि कोहली ने रिटायरमेंट खराब फॉर्म की वजह से नहीं, बल्कि मेंटल क्लीयरटी के चलते लिया.
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उनका मानना है कि कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला उनकी स्किल्स में गिरावट की वजह से नहीं, बल्कि पिछले कुछ सालों में खेल के कारण उन पर पड़े असर की वजह से है. इस पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने कहा कि कोहली ने बड़े लेवल पर प्रदर्शन करने के लिए जरूरी मानसिक स्पष्टता की कमी के कारण संन्यास लिया है. चैपल ने क्रिकइंफो’ के लिए अपने कॉलम में लिखा-
उनका फैसला स्किल्स में कमी की वजह से नहीं, बल्कि इस बढ़ते एहसास की वजह से था कि अब वह उस मानसिक स्पष्टता को हासिल नहीं कर सकते, जिसने उन्हें इतना मजबूत बनाया था.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने कहा-
उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े लेवल पर जब तक दिमाग तेज और निर्णायक नहीं हो, तब शरीर लड़खड़ाता है.
पूर्व भारतीय कोच चैपल ने कहा कि संदेह किसी खिलाड़ी के खेल में घुसने का तरीका ढूंढ लेता है, जो धीरे-धीरे फैसला लेने, फुटवर्क और टॉप लेवल के प्रदर्शन के लिए जरूरी सहजता को प्रभावित करता है.चैपल ने लिखा-
जब संदेह आपके अंदर बसने लगता है तो यह फैसला लेने में बाधा डालता है, फुटवर्क को खराब करता है और टॉप लेवल पर प्रदर्शन के लिए जरूरी सहजता को नष्ट कर देता है. कोहली का संन्यास इस बात की याद दिलाता है कि फॉर्म दिमाग का खेल अधिक है.
कोहली ने पिछले महीने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी. उन्होंने 123 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 30 शतक की मदद से 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए.
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