क्रिकेट में लगातार छह गेंदों पर छह छक्के लगना दुर्लभ घटनाओं में से होती है. हालांकि पिछले कुछ समय में इस तरह की घटनाएं थोड़ी बढ़ी है लेकिन यह केवल टी20 क्रिकेट में ही हो रहा है. वनडे में ऐसा बहुत कम हो रहा है. टेस्ट क्रिकेट में तो अभी तक एक बार भी छह गेंदों में छह छक्कों का कमाल नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार, क्रिकेट में एक ओवर में लगातार छह छक्के लगने की घटना 11 बार हुई है. इसमें से वनडे में दो बार और टी20 इंटरनेशनल में तीन बार हुआ. दो घटनाएं फर्स्ट क्लास क्रिकेट की है और बाकी चार टी20 लीग्स की. वनडे में साउथ अफ्रीका के हर्शल गिब्स और अमेरिका के जसकरण मल्होत्रा ने ऐसा किया. टी20 इंटरनेशनल में युवराज सिंह, वेस्ट इंडीज के काइरन पोलार्ड और नेपाल के दीपेंद्रे सिंह ऐरे ने लगातार छह छक्के लगाए. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में वेस्ट इंडीज के गैरी सोबर्स और भारत के रवि शास्त्री ने यह कमाल किया.
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टेस्ट क्रिकेट में पिछले कुछ समय में काफी बदलाव दिखे हैं. अब रन बनाने की गति तेज हुई है और पहले की तुलना में छक्के भी ज्यादा लग रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई बल्लेबाज लगातार छह छक्के लगाने के पास भी नहीं पहुंचा है. 148 साल के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीन बार ऐसा हुआ है जब लगातार चार छक्के लगने की घटनाएं हुईं. भारत के कपिल देव (1990), पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी (2006) और साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स (2008-09) ने ऐसा किया है. वहीं 15 बार लगातार तीन छक्के टेस्ट में लगे हैं.
टेस्ट में क्या है लगातार छह छक्कों की संभावना
बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल के स्टेटिस्टिशियन एंडी जाल्जमैन का कहना है कि छह छक्के लगाना असाधारण काम है. इसमें काफी जोखिम होता है और टेस्ट क्रिकेट में रणनीतिक लिहाज से इसका मतलब नहीं बनता. उन्होंने दी गार्जियन से बात करते हुए कहा, जून 2022 से टेस्ट क्रिकेट में औसत रूप से 155 गेंद के बाद एक छक्का लगा है. निश्चित रूप से छक्के लगने का गणित होता है लेकिन यह आंकड़ा बताता है कि लगातार तीन छक्के लगाने की घटना 37 लाख में से एक बार होने वाली घटना है. टेस्ट में लगातार छह सिक्स लगना 13 लाख करोड़ में एक बार वाली संभावना है.
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