विराट कोहली और रोहित शर्मा के एक सप्ताह के अंदर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर योगराज सिंह का कहना है कि दोनों में काफी क्रिकेट बचा था. दोनों को अभी खेलना चाहिए था. योगराज का मानना है कि एक महान खिलाड़ी को 50 साल की उम्र तक खेलते रहना चाहिए. विराट कोहली और रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम के चयन से ठीक पहले इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. पिछले छह महीनों में तीन बड़े खिलाड़ी टेस्ट से दूर हो चुके हैं और इससे भारतीय टीम का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया.
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योगराज सिंह ने विराट के संन्यास को बड़ा नुकसान माना. उन्होंने 2011 के आसपास भारतीय टीम में हुए बदलावों की याद दिलाते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, विराट बड़ा खिलाड़ी है तो निश्चित रूप से इससे नुकसान हुआ है. उस समय (2011) बहुत से खिलाड़ी हटाए गए या रिटायर हो गए या उन्हें रिटायर होने को मजबूर किया गया. इससे टीम बिखर गई और अभी तक उठ नहीं पाई है. मुझे लगता है कि विराट और रोहित दोनों में अभी काफी क्रिकेट बचा हुआ है.
योगराज ने पूर्व क्रिकेटर और अपने बेटे युवराज सिंह के संन्यास का जिक्र करते हुए कहा,
मैंने युवी से कहा था कि यह सही फैसला नहीं है. किसी को मैदान से तब हटना चाहिए जब वह चलने-फिरने लायक न हो. मुझे लगता है कि रोहित को रोजाना मोटिवेट करने के लिए बस एक ही शख्स चाहिए था जो उसे सुबह पांच बजे उठाकर दौड़ने के लिए कहे. रोहित और वीरेंद्र सहवाग दो ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुझे लगता है कि जल्दी रिटायर हो गए. महान खिलाड़ियों को 50 साल की उम्र तक खेलना चाहिए. मुझे उनके संन्यास का दुख है क्योंकि अब युवाओं को प्रेरणा देने के लिए कोई नहीं है.
विराट और रोहित के संन्यास से टीम इंडिया में दो जगह खाली हो गई. ओपनिंग और नंबर चार पर अब नए चेहरों को आजमाया जाएगा. साई सुदर्शन, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल को परखा जा सकता है. लेकिन योगराज ने इस बारे में चेताया. उन्होंने कहा, अगर आप युवाओं से भरी हुई टीम बनाएंगे तो वह हमेशा बिखर जाएगी. हो सकता है कि विराट को लग रहा हो कि उसके सामने हासिल करने के लिए कुछ नहीं है.
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