पांड्या से झगड़े के बाद छोड़ दी टीम, अब जड़ा दमदार शतक, 9 बल्लेबाज बना सके सिर्फ 76 रन

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नई दिल्ली। भारतीय घरेलू क्रिकेट में विजय हजारे ट्रॉफी का कारवां अब प्री क्वार्टरफाइनल के दौर में आ पहुंचा है. जिसमें राजस्थान के लिए खेलने वाले कप्तान दीपक हुड्डा ने शानदार शतकीय पारी खेली और टीम को संभाला भी. राजस्थान के लगातार गिरते विकटों के बीच हुड्डा क्रीज पर टिके रहे और उन्होंने 105 रनों की पारी खेली, जिससे उनकी टीम ने कर्नाटक के खिलाफ 50 ओवर के मैच में 199 रन बनाए. ऐसे में बता दें कि हुड्ड का राजस्थान के लिए यह पहला सीजन है और इससे पहले वह बडौदा टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते आ रह थे. लेकिन हार्दिक पांड्या के भाई क्रुणाल पांड्या के साथ झगड़े के बाद उन्होंने पिछले सीजन बड़ौदा का साथ छोड़ दिया था. जिसके बाद राजस्थान की कप्तानी करते हुए अब उन्होंने दमदार खेल दिखाया है.

 

हुड्डा ने मारे 9 चौके और 5 छक्के 
मैच की बात करें तो जयपुर में खेले जा रहे प्रीक्वार्टर फाइनल मैच में कर्नाटक के कप्तान रवि कुमार समर्थ ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया. जिसके जवाब में राजस्थान की शुरुआत सही नहीं रही और उसके दोनों सलामी बल्लेबाज अभिजीत तोमर(5 रन) और मनेन्द्र सिंह(1 रन) कुल 10 के स्कोर पर पवेलियन चले गए. हालांकि इसके बाद भी विकेटों के गिरने का सिलसिला थमा नहीं और एक समय 19 रन पर राजस्थान के 5 बल्लेबाज पवेलियन जा चुके थे. लेकिन इसी बीच नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए दीपक हुड्डा ने क्रीज पर छोर संभाले रखा और राजस्थान की पारी को आगे बढाया. हालांकि दूसरे छोर पर विकेट गिरने का सिलसिला थमा नहीं. हुड्डा ने इस दौरान 109 गेंदों में 5 छक्के और 9 चौकों के चलते 109 रन बनाए. जिससे राजस्थान की टीम 41.4 ओवर में 199 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. हुड्डा के अलावा टीम के अन्य बल्लेबाज की बात करें तो समर्पित जोशी के 33 रन समेत बाकी 9 बल्लेबाज मिलकर सिर्फ 76 रन ही बना सके.

 

विजय ने झटके चार विकेट 
वहीं कर्नाटक की तरफ से सबसे अधिक चार विकेट विजयकुमार व्यशाक ने लिए. उन्होंने अपने 7 ओवर के स्पेल में 22 रन दिए और एक मेडन डाला. इसके अलावा दो विकेट स्पिनर कृष्णप्पा गौतम जबकि एक-एक विकेट प्रसिद्द कृष्णा, एम वेंकटेश और प्रवीण दुबे ने लिए.

 

इस कारण हुड्डा ने छोड़ा था बड़ौदा का साथ 
साल 2014 से घरेलू क्रिकेट में कदम रखने वाले हुड्डा अभी तक बड़ौदा से खेलते आ रहे थे. लेकिन पिछले सीजन बड़ौदा की कप्तानी करने वाले क्रुणाल पांड्या ने उनसे अभद्र भाषा में बात की. जिसके बाद इन दोनों खिलाड़ियों में झगड़ा हो गया था. इसकी शिकायत हुड्डा ने बड़ौदा क्रिकेट संघ से की और फिर हुड्डा ने बड़ौदा की टीम का साथ छोड़ दिया था. हुड्डा ने बड़ौदा क्रिकेट संघ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हेड कोच प्रभाकर की अनुमति से मैच से पहले मैं नेट्स में अभ्यास कर रहा था. तभी क्रुणाल नेट्स में आए और मेरे साथ बदतमीजी करने लगे. मैंने उनसे कहा कि मैं मुख्य कोच की अनुमति से अपनी तैयारी कर रहा हूं. उन्होंने मुझसे कहा 'मैं कप्तान हूं, मुख्य कोच कौन है? मैं बड़ौदा टीम का ओवरऑल हूं. फिर उन्होंने अपनी दादागिरी दिखाते हुए मेरी प्रैक्टिस रोक दी.' इसके बाद हुड्डा को पूरे सत्र के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया और वह अब राजस्थान की टीम से कप्तानी कर रहे हैं. 
 

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