भारतीय टीम मैनेजमेंट से वेस्ट इंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट की पिच को पढ़ने में गलती हो गई. उसने उम्मीद लगा रखी थी कि तीसरे दिन के खेल में पिच टूट जाएगी और बल्लेबाजी करना मुश्किल होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारतीय टीम के असिस्टेंट कोच रयान टेन डसखाटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को माना. उन्होंने कहा कि पिच टूटने की जगह धीमी हो गई. भारत ने वेस्ट इंडीज को तीसरे दिन के जल्दी समेटते हुए फॉलो ऑन दिया. इसके बाद मेहमान टीम ने जॉन कैंपबेल और शे होप के नाबाद अर्धशतकों से मजबूत जवाब दिया.
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डसखाटे ने अरुण जेटली स्टेडियम की पिच को लेकर कहा, हमने सोचा कि विकेट बिगड़ता चला जाएगा और खेल समाप्त होने तक यह सबसे खराब रहेगा. ऐसा लगता है कि यह तो पहले से ज्यादा धीमा हो गया. इससे किसी भी तरह की रफ्तार हासिल करना चुनौती भरा है.
डसखाटे ने बताया दिल्ली टेस्ट में क्या दिक्कत हुई
दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के बाद रवींद्र जडेजा ने कहा था कि इस पिच से रफ्तार हासिल करनेके लिए गेंदबाजों को कंधे का ज्यादा इस्तेमाल करना होगा. डसखाटे भी इस सीनियर ऑलराउंडर के एसेसमेंट से सहमत लगे. उन्होंने कहा कि यह एक तरह की दोधारी तलवार है जिसका दांव उल्टा पड़ सकता है. डसखाटे ने कहा, जैसा कि मैंने कहा कि आपको गेंद पूरी गति से फेंकनी होती है .जब आप गेंद गति से डालते हैं तो फिर इसके स्पिन होने के अवसर कम हो जाते हैं. इसलिए मुश्किल भरा खेल रहा. आपने देखा होगा कि जब भी वाशी (वाशिंगटन सुंदर) ने धीमी गेंद डाली तो टर्न ज्यादा मिला. लेकिन तब बल्लेबाज के पास ज्यादा समय था.
कुलदीप यादव से क्यों नहीं कराई नई गेंद से बॉलिंग
भारत ने दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा से बॉलिंग की शुरुआत कराई जबकि कुलदीप यादव ने पहली पारी में पांच विकेट लिए थे. इस फैसले को लेकर डसखाटे ने कहा, यह विचार था कि गेंद सख्त होगी. इसलिए हमें लगा कि कुलदीप ने पहली पारी के आखिर में ज्यादा स्पिन हासिल किया. हमने सोचा कि अगर फिंगर स्पिनर के साथ शुरू किया तो इससे ज्यादा ग्रिप मिलेगी. इसलिए हमने मिस्ट्री वाले हिस्से को हटाते हुए फिंगर स्पिन की तरफ ध्यान दिया.
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