दक्षिण अफ्रीका ने लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपनी पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती, यह 1998 के आईसीसी नॉकआउट कप के बाद उनकी दूसरी आईसीसी ट्रॉफी है. एडेन मार्करम के शतक और कप्तान टेम्बा बवुमा की चोट के बावजूद खेली गई महत्वपूर्ण पारी ने टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई, जिससे उनपर लगा 'चोकर्स' का टैग भी हटा. एक विश्लेषक ने कहा, 'रन बनाने से ही बनेंगे', यह मानसिकता भारत के लिए आगामी इंग्लैंड दौरे पर महत्वपूर्ण हो सकती है, जहाँ ड्यूक्स गेंद के जल्दी नरम होने और मौसम के अनुसार रणनीति बनाने की चुनौती होगी. इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के सामने ड्यूक्स गेंद और स्विंगिंग कंडीशंस में बल्लेबाजों के अनुकूलन जैसी कई चुनौतियाँ हैं; गेंदबाजों को भी अपनी लेंथ और निरंतरता पर काम करना होगा. चर्चा में एक वक्ता ने कहा, '250 मिला आप गेम में रहते हो,' यह स्कोर इंग्लैंड में भारत के लिए प्रतिस्पर्धा में बने रहने का एक ज़रिया बताया गया, जहाँ बल्लेबाजों को ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों को छोड़ने की कला पर भी जोर दिया गया. इसके अतिरिक्त, जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट, शुभमन गिल की दोहरी भूमिका, ऐतिहासिक दौरों के सबक, और दक्षिण अफ्रीका की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीत जैसे विषयों पर भी विस्तार से बात हुई.
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