पहले मेसी के साथ खेला वर्ल्ड कप, फिर गुरु बनकर बनाया चैंपियन, जानें कौन है अर्जेंटीना का ये मैनेजर?

कतर में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) के फाइनल में लियोनल मेसी की अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराकार 36 साल बाद वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.

Profile

SportsTak

SportsTak-Hindi

कतर में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) के फाइनल में लियोनल मेसी की अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराकर 36 साल बाद वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. ऐसे में अर्जेंटीना की जीत के बाद जहां मैदान में अपने गोल से धूम मचाने वाले दिग्गज मेसी की चर्चा चारों तरफ हैं. वहीं मैदान के बाहर से अपने गुरुमंत्र द्वारा मेसी को चैंपियन बनाने में उनके कोच और अर्जेंटीना के मैनेजर लियोनल स्कालोनी का भी अहम योगदान रहा. जिन्होंने पिछले चार सालो में मेसी की अर्जेंटीना को फर्श से उठाकर अब दुनिया के अर्श पर पहुंचा डाला है.

 

स्कालोनी ने रचा इतिहास 
लियोनल स्कालोनी की बात करें तो वह पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय टीम को अपनी कोचिंग दे रहे थे और पहली बार में ही उन्होंने झंडे गाड़ डाले. स्कालोनी फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास में अपनी टीम को वर्ल्ड चैंपियन का खिताब दिलाने वाले 44 साल की सबसे कम उम्र वाले मैनेजर भी बने. इस तरह अर्जेंटीना से ही कभी फुटबॉल खेलने वाले स्कालोनी ने किन हालातों में टीम की बागडोर संभाली और किस प्लान से टीम को चैंपियन बनाया डालते हैं एक नजर :-

 

2006 में मेसी के साथ खेले स्कालोनी
स्कालोनी ने अर्जेंटीना के लिए अपना अंतिम फीफा वर्ल्ड कप साल 2006 में खेला था. जिस दौरान मेसी नए-नए टीम में आए थे और युवा खिलाड़ी के तौरपर अर्जेंटीना के लिए स्कालोनी के साथ खेले थे. इसके बाद स्कालोनी ने अपना करियर कोचिंग की तरफ मोड़ा और साल 2016-2017 में सेविया क्लब के असिस्टेंट मैनेजर बने. इसके बाद साल 2017-18 में स्कालोनी अर्जेंटीना टीम के भी असिस्टेंट मैनेजर रहे. जबकि इसके बाद साल 2018 में अर्जेंटीना की अंडर 20 टीम के भी मैनेजर बने. हालांकि साल 2018 वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना का प्रदर्शन काफी खराब रहा था और उनकी टीम राउंड ऑफ़ 16 से हारकर बाहर हो गई थी.

 

कोई नहीं बनना चाहता था अर्जेंटीना का मैनेजर 
ऐसे में साल 2018 वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना के खराब प्रदर्शन के बाद कोई भी मेसी की टीम का मैनेजर नहीं बनना चाहता था. इस बीच स्कालोनी ने जिम्मा संभाला और तमाम बदलाव करते हुए एक मजबूत टीम का जल्द से जल्द निर्माण कर डाला. जिसका सबसे पहला नतीजा साउथ अमेरिका में होने वाले कोपा अमेरिका कप में देखने को मिला. कोपा अमेरिका 2021 के फाइनल में मेसी की अर्जेंटीना ने नेमार की ब्राजील को हराकर खिताब पर कब्ज़ा जमाया. इसके बाद से ही माना जाने लगा था कि अब ये अर्जेंटीना फीफा वर्ल्ड कप के लिए मजबूत दावा पेश करेगी.

 

वर्ल्ड कप का 'गुरुमंत्र' 
फीफा वर्ल्ड कप 2022 के पहले मैच में जब अर्जेंटीना की टीम सऊदी अरब से हार गई थी. उसके बाद भी स्कालोनी ने धैर्य नहीं खोया और अपनी रणनीति पर काम करना जारी रखा. स्कालोनी की सबसे दमदार रणनीति यह रही कि वह हर मैच में विरोधी टीम के हिसाब से अपना प्लान तैयार करते थे और कोई फिक्स स्टार्टिंग इलेवन नहीं बनाई. जिसका फायदा ये हुआ कि बाकी विरोधी टीमों को मैच से पहले तक नहीं पता होता था कि अर्जेंटीना किस प्लान और किन खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरेगी. इसका उदाहरण फाइनल में भी देखने को मिला जब अर्जेंटीना ने चार मिडफील्डर उतारे और फ्रांस के वर्ल्ड कप विनिंग मैनेजर डिडिया डेसचैम्प्स को पहले हाफ में ही ओलिवियर जिरू और उस्मान डेम्बेले के रूप में दो बदलाव करने पड़ गए. हालांकि इसके बाद भी वह स्कालोनी के प्लान को भेद नहीं सके और 3-3 की बराबरी के बाद अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से जीत हासिल कर डाली.  
 

    यह न्यूज़ भी देखें

    Share