कबड्डी के खेल में नए प्रतिभाओं की तलाश करने और 2036 में भारत में ओलिंपिक होने की स्थिति में खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए कबड्डी चैंपियंस लीग का आगाज हुआ. इसके तहत चार करोड़ रुपये का पर्स रखा गया है. खिलाड़ियों को इस पर्स के जरिए आर्थिक मदद मिलेगी और खेल को अगले स्तर पर लेने जाने के लिए सहायता दी जाएगी. भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कोच और द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित बलवान सिंह और स्टार खिलाड़ी नवीन गोयत कबड्डी चैंपियंस लीग का नेतृत्व करेंगे.
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भारत को 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप जितवाने वाले बलवान सिंह को लीग का चेयरमैन बनाया गया है. उन्होंने बताया, 'कबड्डी चैंपियंस लीग जैसे प्लेटफॉर्म युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में शानदार काम कर रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि इस लीग से निकलने वाले खिलाड़ी 2036 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. मुझे उम्मीद है कि 2026 ओलिंपिक्स भारत में होंगे.'
कबड्डी चैंपियंस लीग में चार करोड़ रुपये के पर्स के जरिए खिलाड़ियों को आर्थिक मदद मिलेगी. वही आला दर्जे के राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से प्रोफेशनल कोचिंग और मेंटॉरशिप दिलाई जाएगी. खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स साइंस, रिकवरी और आधुनिक सुविधाओं से युक्त कोचिंग मिलेगी. साथ ही कबड्डी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ब्रांड के तौर पर तैयार करने पर भी काम हो रहा है.
वहीं नवीन गोयत ने कहा, 'हरियाणा के खिलाड़ियों ने सालों तक इस खेल के लिए सब कुछ दिया, लेकिन बदले में बहुत कम मिला. चार करोड़ रुपये के खिलाड़ी पर्स के साथ कबड्डी चैंपियंस लीग उनके पसीने, संघर्ष और सपनों की असली कीमत दे रहा है.'
2036 ओलिंपिक्स के लिए भारत की भविष्य की तैयारियों को देखते हुए, यह लीग देश के खेल भविष्य में सीधा निवेश बताई जा रही है. इसके लिए स्काउटिंग के जरिए नए खिलाड़ी तलाशे जाएंगे. स्कूलों से ही कबड्डी के नए सितारों की पहचान की जाएगी. फिर उन्हें प्रोफेशनल लीग तक पहुंचने के लिए मदद भी दी जाएगी.
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