ट्रेन हादसे में पैर गंवाया तो भरी इतनी ऊंची उड़ान, अब इंजीनियर ने देश को दिलाया गोल्‍ड, जानें नितेश के सफर की गजब कहानी

Paris Paralympic 2024: पेरिस पैरालिंपिक में गोल्‍ड जीतने वाले नितेश कुमार का सपना पिता की तरह वर्दी पहनने का था. 

Profile

किरण सिंह

गोल्‍ड मेडल के साथ नितेश कुमार

गोल्‍ड मेडल के साथ नितेश कुमार

Highlights:

नितेश कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में गोल्‍ड जीता

2009 में एक‍ ट्रेन हादसे में नितेश ने अपना पैर गंवा दिया था

साल 2009, जब 15 साल के एक लड़के ने ट्रेन हादसे में अपना पैर गंवा दिया. इस हादसे ने उस लड़के के सपने को चकनाचूर कर दिया, मगर हिम्‍मत नहीं तोड़ पाई. हादसे के बाद उस लड़के ने इतनी ऊंची उड़ान भरी कि वहां से वो एक्‍सीडेंट, वो नुकसान, वो दर्द सब बौने नजर आने लगे. आज पूरी दुनिया में बस वहीं लड़का छाया हुआ है और वो है नितेश कुमार. शायद दो दिन पहले तक कुछ लोगों ने इस नाम को सुना भी नहीं होगा, मगर आज हर कोने में नितेश की चर्चा हो रही है. नितेश ने पेरिस पैरालिंपिक में देश की झोली में गोल्‍ड डाल दिया है.  

 

जीत के बाद नितेश ने कहा कि जब वो पोडियम पर खड़े थे तो उनकी आंखों के सामने पूरा फ्लैश ब्‍लैक घूमने लगा था. उनकी मेहनत, प्‍लान, त्‍याग सब घूमने लगा था. अपने सफर के बारे में बात करते हुए नितेश ने कहा -

 

मैंने बैडमिंटन रिक्रिएशन के लिए शुरू किया था, फिर मुझे पैरा स्‍पोर्ट्स के बारे में पता चला. इस खेल के दिग्‍गजों के बारे में पता चला. उन सभी से मिलकर उनकी स्‍टोरी ने मुझे मोटिवेट किया.

 

 

एक्‍सीडेंट पर बात करते हुए नितेश ने कहा- 

 

जब एक्‍सीडेंट हुआ, तब काफी बुरा लग रहा था. ये बहुत बड़ा झटका था. वो सफर पढ़ाई की तरफ गया. मुझे आईआईटी मंडी मिला. पढ़ाई की. वहां पर किसी तरह से बैडमिंटन मेरी जिंदगी में आया.


नितेश ने बताया कि टोक्‍यो पैरालिंपिक में जब उन्‍होंने कृष्‍णा नागर, सुहास यतिराज, प्रमोद भगत को देखा, तो उससे उन्‍हें काफी प्रेरणा मिली. उनके बाद उन्‍होंने पेरिस पैरालिंपिक के लिए प्‍लान बनाया. उनके पास तीन साल का ही वक्‍त था. वो छोटे-छोटे गोल लेकर चले. सब कुछ सही रहा और वो गोल्‍ड जीतने में सफल रहे.

 

हादसे से पहले फुटबॉल खेलते थे नितेश

 

साल 2009 में विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे में नितेश ने अपना एक पैर गंवा दिया था. उस हादसे से पहले वो फुटबॉल खेलते थे. वो अपने पिता की तरह देश की सेवा करना चाहते थे. वर्दी पहनना चाहते थे. नितेश के पिता भारतीय नेवी में अधिकारी थे. जिस वजह से नितेश का भी सपना वर्दी पहनने का था, मगर उस हादसे ने उनके सपने को तोड़ दिया, मगर उनके पिता ने उनकी हिम्‍मत को टूटने नहीं दिया और दीवार बनकर खड़े हो गए. 

 

 

नितेश ने भी पेरिस पैरालिंपिक का गोल्‍ड अपने पिता को समर्पित किया. नितेश ने SL3 कैटेगरी में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से मात देकर गोल्‍ड जीता था. नितेश के घर में उनके गोल्‍ड का जमकर जश्‍न मनाया गया. भारतीय स्‍टार ने भी चैंपियन बनने के साथ अपने परिवार को वीडियो कॉल करके मेडल दिखाया.

 

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