भारत के सचिन सरजेराव खिलारी ने पेरिस पैरालिंपिक में कमाल कर दिया. उन्होंने सिल्वर जीतकर देश की झोली में 21वां मेडल डाल दिया है. उन्होंने मेंस शॉटपुट एफ46 इवेंट में एशियाई रिकॉर्ड 16.32 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता. इसी के साथ उन्होंने इस खेल में भारत का लंबा इंतजार भी खत्म कर दिया है. भारत ने 40 साल बाद पैरालिंपिक मेंस शॉटपुट में मेडल जीता. इससे पहले साल 1984 में जोगिंदर सिंह बेदी ने कमाल किया था. वहीं साल 2016 में रियो पैरालिंपिक में दीपा मलिक ने वुमेंस शॉटपुट में सिल्वर जीता था. उनके सिल्वर के 8 साल बाद भारत ने इस खेल में कोई मेडल जीता.
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खिलारी महज 6 सेंटीमीटर के अंतर से गोल्ड से चूक गए. कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट अपना खिताब डिफेंड करने में कामयाब रहे. उन्होंने सीजन का बेस्ट प्रदर्शन करते हुए 16.38 मीटर के साथ गोल्ड जीता. क्रोएशिया के लुका बाकोविच ने ब्रॉन्ज जीता. 34 साल के भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका. उन्होंने मई में जापान में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.
सचिन खिलारी का फाइनल में प्रदर्शन
खिलारी का रजत पेरिस पैरालिंपिक में एथलेटिक्स में भारत का 11वां पदक है. इस इवेंट में भारत के मोहम्मद यासेर 14.21 मीटर के थ्रो के साथ 8वें स्थान और रोहित कुमार 14.10 मीटर के थ्रो के साथ 9वें स्थान पर रहे. फाइनल में सचिन का पहला थ्रो 14.72 मीटर, दूसरा 16.32 मीटर, तीसरा 16.15 मीटर, चौथा 16.31 मीटर, 5वां 16.03 मीटर और छठा थ्रो 15.95 मीटर का रहा. सचिन ने साल 2024 में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स में गोल्ड जीता था और एशियन रिकॉर्ड बनाया था.
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