पिछले कुछ समय से पहले भारतीय कुश्ती में काफी उठापटक मची हुई है. पहलवानों का विरोध प्रदर्शन, भारतीय कुश्मी महासंघ के चुनाव पर बवाल, संजय सिंह का अध्यक्ष बनने को लेकर विरोध समेत कई वजहों से भारतीय कुश्ती संघ चर्चा में रहा है. अब पहलवानों को एक और बड़ा झटका लगा है. भारतीय पहलवान अल्बानिया में साल की दूसरी रैंकिंग सीरिज से हिस्सा नहीं खेलेंगे. वह सीरीज से बाहर रहेंगे और खेल मंत्रालय ने इसका जिम्मेदार फेडरेशन को ठहराया है.
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मंत्रालय का कहना है कि फेडरेशन ने समय पर अनुशंसा जमा नहीं की. दरअसल खेल मंत्रालय ने यह कहकर मंजूरी रोक दी कि भारतीय कुश्ती महासंघ ने समय पर जरूरी अनुशंसा जमा नहीं की. मंत्रालय और निलंबित डब्ल्यूएफआई के बीच मतभेदों के चलते भारतीय पहलवान क्रोएशिया के जगरेब में हुई पहली रैंकिंग सीरिज से भी बाहर रहे थे और अब दूसरी सीरीज में भी वह हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
मंत्रालय ने दिसंबर 2023 को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था, लेकिन इंटरनेशनल कुश्ती से उसे मान्यता मिली हुई है. उसने ऐन मौके पर भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को प्रस्ताव भेजा था. एक सूत्र ने पीटीआई को बताया-
डब्ल्यूएफआई ने ऐन मौके पर प्रस्ताव भेजा और प्रस्तावित नाम भेजने में भी देरी हुई. इसलिये मंजूरी नहीं दी जा सकी.
उन्होंने आगे कहा-
हम इंटरनेशनल टूर्नामेंटों के लिये खिलाड़ियों को मंजूरी देने को हमेशा तैयार रहते हैं, लेकिन प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है. यह भी साफ नहीं है कि टीम कैसे चुनी गई, क्योंकि डब्ल्यूएफआई ने कोई ट्रायल नहीं कराये थे.
दूसरी रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट 26 फरवरी से दो मार्च तक अल्बानिया में होगा. इसके बाद अम्मान में 25 से 30 मार्च तक सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप होगी. मंगोलिया में 29 मई से एक जून तक तीसरी रैंकिंग सीरिज और हंगरी में 17 से 20 जुलाई तक चौथी रैंकिंग सीरिज होगी.
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