भारत के एक निशानेबाज पर पेरू के लीमा में चल रही आईएसएसएफ जूनियर निशानेबाजी चैंपियनशिप में शनिवार को 10 मी एयर पिस्टल के फाइनल के लिए अभ्यास क्षेत्र में देर से पहुंचने के कारण दो अंक का जुर्माना लगाया गया जिस कारण वह पदक हासिल करने से चूक गया.
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अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आईएसएसएफ) ने शनिवार को 20 साल के निशानेबाज उमेश चौधरी पर नियम 6.17.1.3 के उल्लंघन के लिए दो अंक का जुर्माना लगाया. इससे भारत के 60 सदस्यीय दल में शामिल कोच और सहायक स्टाफ की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं. चौधरी को फाइनल में अपने पहले शॉट पर दो अंक कटने के बाद 7.4 अंक मिले.
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के सचिव राजीव भाटिया से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह इस मसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. चौधरी क्वालिफिकेशन दौर में 580 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे और अगर उन पर दो अंक का जुर्माना नहीं लगाया गया होता, तो वह आठ निशानेबाजों के फाइनल में स्वर्ण पदक जीत सकते थे.
जुर्माना लगाए जाने के कारण चौधरी पदक दौर में छठे स्थान पर रहे. भाटिया को जब याद दिलाया गया कि जुर्माने का विवरण आईएसएसएफ की वेबसाइट पर भी है, तो उन्होंने कहा-
हो सकता है कि वह समय पर अभ्यास क्षेत्र में नहीं पहुंचे होंगे. मैं नहीं जानता कि वह क्यों और किस कारण से समय पर नहीं पहुंचे. मुझे वहां (पेरू में) मौजूद अधिकारियों से पता करना होगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या कोचों को अधिक सतर्क रहना चाहिए, उन्होंने कहा-
मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि हमें कुछ भी नहीं बताया गया है. मैं इस पर चर्चा नहीं करना चाहता.
उन्होंने कहा- यह संभव नहीं है कि ऐसा पहली बार हुआ है. क्या आपको लगता है कि केवल कोच जिम्मेदार हैं और निशानेबाजों की कोई जिम्मेदारी नहीं है? उन्हें नियमों के बारे में पता होना चाहिए. आखिर वह विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रहे हैं.
पिछली बार किसी भारतीय निशानेबाज पर 2021 में क्रोएशिया के ओसिजेक में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान दो अंक का जुर्माना लगाया गया था. तब ओलिंपियन एलावेनिल वलारिवन ने एक शॉट का विरोध किया था, लेकिन जूरी ने निष्कर्ष निकाला कि यह सही था.