वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयनित 12 भारतीय पहलवानों ने अल्बानिया के लिए रवाना होने से महज 48 घंटे पहले खेल मंत्री मनसुख मंडाविया के घर के बाहर डेरा डाल दिया हैं और मदद की गुहार लगाई. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप से भारतीय टीमों के हटने के बाद मचे बवाल को सुलझाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है.
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दरअसल साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान के एक एक्शन के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ ने गुरुवार को तीनों भारतीय टीमों को चैंपियनशिप से हटाने का फैसला किया. पहलवान सत्यव्रत कादियान ने अंडर 23 और सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए ट्रायल आयोजित करने के महासंघ के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उनका कहना था कि महासंघ ने अदालत की अवमानना की, जिसने कुश्ती के मामलों के मैनेजमेंट के लिए भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) एडहॉक कमिटी को बहाल किया था.
सपना टूटने से निराश पहलवान
डब्ल्यूएफआई को पिछले साल दिसंबर में खेल मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था, जबकि आईओए ने भी एडहॉक कमिटी को फिर से शुरू करने से इनकार कर दिया. जिससे खेल और पहलवानों का भविष्य अधर में लटक गया है. खेलमंत्री के घर के बाहर बैठीं एक पहलवान ने इंडिया टुडे से बात में कहा कि उनकी यही मांग है कि उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप में भेजा जाए. पहलवान ने कहा कि उन्हें बीते दिन शाम को ही पता चला कि वो अब वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने नहीं जाएंगे. जबकि उनकी फ्लाइट की टिकट और होटल बुक हो गए थे. वीजा लग गया था और अचनाक उन लोगों को बुरी खबर मिली. जिससे वो लोग काफी परेशान हैं.
वहीं एक पहलवान ने कहा कि जब तक उनकी किसी से बातचीत नहीं होगी, वो लोग हिलेंगे तक नहीं. 12 गैर ओलिंपिक वर्ग की विश्व चैंपियनशिप 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में होनी है. डब्ल्यूएफआई ने बुधवार को विश्व चैंपियनशिप से हटने का फैसला किया था. उसने कुश्ती की विश्व संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू को बताया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है.
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