ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छोटे टेस्ट देशों के खिलाड़ियों को भी टेस्ट खेलने के लिए अच्छा पैसा दिया जाए. पोंटिंग ने वेस्ट इंडीज के क्रिकेटरों का उदाहरण दिया जो वित्तीय कारणों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर फ्रेंचाइज क्रिकेट को तरजीह देते हैं. 7 जून से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ओवल पर होने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल (World Test Championship Final) से पहले आईसीसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पोंटिंग से पूछा गया था कि क्या टी20 लीग के दौर में युवा टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहेंगे.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘अलग अलग देशों में इस सवाल के अलग-अलग जवाब है. वेस्ट इंडीज में टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना देखने वाले युवाओं को तराशना काफी मुश्किल होता जा रहा है. फ्रेंचाइज लीग की तुलना में उन्हें उतना पैसा नहीं मिलता. श्रीलंका और बांग्लादेश का भी यही हाल है. भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं है जहां टेस्ट क्रिकेट खेलने पर अच्छा पैसा मिलता है और अधिकांश क्रिकेटर टेस्ट खेलना चाहते हैं. आईसीसी को यहां अहम भूमिका निभानी होगी. अंतरराष्ट्रीय टेस्ट देशों में टेस्ट खेलने पर भुगतान लगभग समान होना चाहिए. आईसीसी में उच्च स्तर पर इस पर बात की गई है. भारत में मेरा मानना है कि अधिकांश युवा ‘बैगी ब्लू कैप’ पहनना चाहते हैं और ऑस्ट्रेलिया में ‘बैगी ग्रीन’.’
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डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने वाले भारत के करीब दर्जन भर खिलाड़ी आईपीएल में खेल रहे हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ चार खिलाड़ी इस लीग में हैं. आईपीएल से तैयारियों पर असर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हर चीज को देखने के दो पहलू हैं. उन्होंने कहा, ‘इसे दो तरह से देखा जा सकता है. विराट आईपीएल में लगातार रन बना रहा है और उसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है जबकि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर इतना अधिक नहीं खेले हैं लेकिन मानसिक तैयारी के साथ उतरेंगे. उन्होंने हालांकि पिछले कुछ अर्से में रन नहीं बनाए हैं और ना ही विकेट लिए हैं.’
पोंटिंग ने कहा, ‘यहां खेल रहे भारतीय खिलाड़ी सिर्फ आईपीएल के बारे में ही नहीं सोच रहे होंगे. निश्चित तौर पर उनके कार्यभार प्रबंधन का पूरा ख्याल रखा जा रहा होगा और अब प्लेऑफ व फाइनल ही बचा है तो खिलाड़ियों के पास आराम का पर्याप्त समय है. स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन इग्लैंड में हैं और हालात के अनुकूल ढल रहे हैं. शॉन एबट और माइकल नेसर भी वहीं है ताकि किसी तेज गेंदबाज को चोट लगने पर वे तैयार रहें. जब मैं स्कूल में था तो जल्दी घर भागकर आता था ताकि टेस्ट मैच देख सकूं. मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट से बढ़कर कुछ नहीं और खेल को अलविदा कहने के बाद टेस्ट और प्रथम श्रेणी में आपकी उपलब्धियां काफी संतोष देती हैं.आजकल टी20 का बोलबाला है लेकिन असली कसौटी टेस्ट ही है. मैं खुशकिस्मत हूं कि 168 टेस्ट खेल सका.’
भारत और ऑस्ट्रेलिया की प्रतिद्वंद्विता को बड़ी बताते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले दो दशक में हमने देखा है कि यह क्रिकेट में सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विताओं में से एक रही है. मैंने अपनी कुछ सर्वश्रेष्ठ पारियां भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में खेली है जिनमें एडिलेड और मेलबर्न में लगातार दो दोहरे शतक शामिल हैं.’
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