विस्फोटक बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (quinton de kock) ने संन्यास के 13 दिन बाद मैदान पर वापसी कर कोहराम मचा दिया. साउथ अफ्रीका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने तूफानी फिफ्टी लगाकर अपनी टीम को जीत भी दिलाई. डिकॉक ने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका का सफर खत्म होने के साथ ही वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उन्होंने टूनामेंट शुरू होने से पहले ही इसका ऐलान कर दिया था.
15 नवंबर को वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया था और इसी के साथ टीम का सफर भी टूर्नामेंट में खत्म हो गया था. सेमीफाइनल मैच डिकॉक के वनडे करियर का आखिरी मैच था. उस हार के 13 दिन बाद डिकॉक मैदान पर उतरे. अबू धाबी टी10 लीग (Abu Dhabi T10) में वो दिल्ली बुल्स की तरफ से खेल रहे हैं.
26 गेंदों पर तूफान
संन्यास के बाद पहला मैच खेलने उतरे डिकॉक ने बल्ले से तूफान मचा दिया. उन्होंने डेक्कन ग्लैडिटर्स के खिलाफ कोहराम मचाते हुए अपनी टीम को जीत दिला दी. डिकॉक ने 26 गेंदों में नॉटआउट 50 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 3 चौके और 4 छक्के लगाए. डिकॉक के शानदार प्रदर्शन की बदौलत दिल्ली बुल्स को 9 विकेट से शानदार जीत मिली. लीग के तीसरे मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए ग्लैडिटर्स ने 2 विकेट के नुकसान पर 120 रन बनाए. टॉम कुल्हर ने 21 गेंदों पर 42 रन, आंद्रे फ्लेचर ने 20 गेंदों में 34 रन बनाए.
दिल्ली की शानदार जीत
121 रन के टारगेट के जवाब में उतरी दिल्ली बुल्स को डिकॉक ने जॉनसन चार्ल्स ने तूफानी शुरुआत दिलाई. दोनों के बीच 73 रन की पार्टनरशिप हुई. चार्ल्स ने 13 गेंदों में 36 रन ठोके. चार्ल्स के पवेलियन लौटने के बाद डिकॉक को रोवमैन पॉवेल का साथ मिला और दोनों ने मिलकर 8.3 ओवर में टीम को जीत दिला दी. पॉवेल ने 12 गेंदों में नॉट आउट 31 रन बनाए. फिफ्टी लगाने वाले डिकॉक प्लेयर ऑफ द मैच रहे.