महेंद्र सिंह धोनी को आदर्श मानने वाली भारतीय महिला टीम की विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ‘फिनिशर’ की अपनी भूमिका का लुत्फ उठा रही हैं. उन्होंने मंगलवार (13 दिसंबर) को कहा कि उनके अंदर बड़े शॉट खेलने की क्षमता स्वाभाविक रूप से है. 19 साल की ऋचा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में 13 गेंद में नाबाद 26 रन की पारी खेलकर भारत का स्कोर 187 रन तक पहुंचाकर मुकाबला टाई कराने में अहम भूमिका निभाई और फिर सुपर ओवर में भी पहली ही गेंद में छक्का जड़कर मेजबान टीम की जीत की नींव रखी.
रिचा ने तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय से पहले कहा, ‘स्मृति दीदी (मांधना) ने मुझे कहा था कि मैच खत्म करने आना. मैंने हमेशा पावर हिटिंग पर ध्यान केंद्रित किया है. मैंने इस पर कड़ी मेहनत की है और अपनी मानसिक दृढ़ता पर भी ध्यान दिया है. यह सब हमारी योजना के अनुसार हुआ. मैं हमेशा अंत तक टिके रहना चाहती हूं और अपनी टीम को जीत दिलाना चाहती हूं. हमारी यही योजना थी. विचार यह था कि बीच के ओवरों में रन गति बनाए रखी जाए ताकि हमें स्लॉग ओवरों में अधिक जोर नहीं लगाना पड़े.’
धोनी की तरह मैच फिनिश करने का लक्ष्य
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ऋचा विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानती हैं और उन्होंने खुलासा किया कि वह उनके शॉट्स देखते हुए बड़ी हुई हैं. सिलीगुड़ी की रहने वाली रिचा ने कहा, ‘बचपन से ही मैंने धोनी का अनुसरण किया है और वह कैसे मैच को खत्म करते थे. मेरे पिता (मानबेंद्र घोष) ने भी मेरी बड़े शॉट खेलने की क्षमता को सुधारने में बहुत मदद की. वह हर जगह मेरे साथ जाते थे. वह एक सफल क्रिकेटर नहीं बन सके इसलिए वह मेरा पूरा समर्थन कर रहे हैं जिससे कि मैं अपने सपनों को साकार कर सकूं.’
धोनी से नहीं हो पा रही मुलाकात
ऋचा को हालांकि मलाल है कि वह अभी तक अपने आदर्श से नहीं मिल पाई हैं. ऋचा ने कहा, ‘मुझे अभी तक उनसे मिलने का अवसर नहीं मिला है. कई बार ऐसा भी हुआ है कि जब हम शिविर या मैच के लिए किसी स्थान पर गए तो उससे ठीक पहले वह चले गए थे. उम्मीद है कि मैं उनसे किसी दिन मिलूंगी.’