रवींद्र जडेजा ने आर अश्विन के साथ मिलकर भारत को बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. पहले तो उन्होंने पहली पारी में 86 रन की पारी खेली. इसके बाद कुल 5 विकेट लिए. हालांकि वो चेन्नई टेस्ट में अपने तिहरे शतक से चूक गए. जडेजा को भी उम्मीद थी कि वो चेन्नई में ही तिहरा शतक पूरा कर लेंगे, मगर अश्विन ने उन्हें ऐसा करने का मौका ही नहीं दिया.
बांग्लादेश की पहली पारी में खाली हाथ रहे आर अश्विन आखिरी पारी में बांग्लादेश पर कहर बनकर टूटे और 515 रन के टारगेट के जवाब में उतरी बांग्लादेशी टीम को 234 रन पर ऑलआउट कर दिया. अश्विन ने आखिरी पारी में अकेले 88 रन पर छह विकेट लिए. जबकि जडेजा को तीन सफलता मिली. अगर जडेजा को एक विकेट और मिल जाता तो टेस्ट में उनके पूरे 300 विकेट हो जाते.
चेन्नई में 300 टेस्ट विकेट पूरा करने का था मौका
चेन्नई में अगर अश्विन कहर बनकर नहीं टूटते और जडेजा बांग्लादेश की दूसरी पारी का सफाया कर देते तो वो चेन्नई में टेस्ट में विकेटों का तिहरा शतक लगा देते, मगर ऐसा नहीं हो पाया. जडेजा कानपुर टेस्ट में अब इस तिहरे शतक को पूरा कर सकते हैं. उनके नाम 73 टेस्ट की 138 पारियों 299 विकेट हो गए हैं. उन्होंने चेन्नई टेस्ट में पहली पारी में 19 रन पर दो विकेट और दूसरी पारी में 58 रन पर तीन विकेट लिए.
चेन्नई टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच रहे आर अश्विन ने ऑलराउंड प्रदर्शन किया. उन्होंने पहली पारी में 113 रन बनाकर भारत को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला. हालांकि बांग्लादेश की पहली पारी में अश्विन कोई सफलता हासिल नहीं कर पाए थे. उन्होंने 13 रन पर 29 रन दिए थे. अश्विन ने आखिरी पारी में इसकी पूरी कसर निकाली.
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