ऋषभ पंत ने चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक लगाया. 20 महीने बाद टेस्ट टीम में वापसी करने वाले पंत के बल्ले से 814 दिन बाद टेस्ट में शतक निकला. पंत को इस शानदार वापसी से पहले अपने कोच देवेंद्र शर्मा से सिर नीचे कर के खेलने की सलाह मिली थी. पंत के कोच ने उनके शतक लगाने के बाद बताया कि आखिर क्यों उन्होंने ऐसी सलाह दी थी. पंत ने भारतीय टेस्ट टीम में अपनी वापसी से पहले कोच देवेंद्र को फोन किया था तो उन्हें सिर नीचे कर के खेलने की सलाह मिली थी.
कोच की इस बात का मतलब अच्छी गेंदों को सम्मान देने के साथ सावधानी बरतने के बारे में था. बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल के बाद पंत के कोच देवेंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा-
जाहिर तौर पर मैं ऋषभ पंत के लिए बहुत खुश हूं. उनके पास पहली पारी में भी शतक बनाने का मौका था, लेकिन उनके ऐसा नहीं करने से मैं थोड़ा दुखी था.
कोच ने कहा-
उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की. ये शतक उनके लिए अहम है, क्योंकि वापसी के बाद ये उनका पहला इंटरनेशलल शतक है. पंत का यह छठा टेस्ट शतक है.
उन्होंने इस पारी से एमएस धोनी की बराबरी कर ली. धोनी ने जहां 90 टेस्ट में छह शतक लगाये, वहीं पंत ने महज 34 टेस्ट मैचों में यह आंकड़ा छू लिया. पंत छह से ज्यादा बार 90 रन के आंकड़े को पार करने के बाद आउट हुए हैं. दिल्ली के सोनेट क्लब में कोचिंग देने वाले देवेंद्र ने कहा-
गाबा में सीरीज जीतने वाली पारी हर किसी के लिए हमेशा खास रहेगी, लेकिन एक कोच के तौर पर मुझसे इस पारी के बारे में पूछा जाए, तो यह अहम है और इससे अधिक सही समय पर नहीं आ सकती थी.
उन्होंने कहा-
हर खिलाड़ी को आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है और सफेद गेंद क्रिकेट में आप कितनी भी उपलब्धि हासिल करे, टेस्ट मैचों की आपकी उपलब्धियों को हमेशा ज्यादा तवज्जो दी जाती है.
दिल्ली के पूर्व विकेटकीपर देवेंद्र ने कहा-
पंत को सड़क दुर्घटना के बाद और जिस तरह के रिहैबिलिटेशन से गुजरना पड़ा, उसे देखते हुए यह पारी गाबा की तरह ही खास है. भारत के व्यस्त टेस्ट सत्र की शुरुआत में इस शतक से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ेगा.
ये भी पढ़ें-