कानपुर टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम ने हैरतअंगेज खेल दिखाते हुए बांग्लादेश को सात विकेट से मात दी. दो दिन का खेल बारिश के चलते धुलने के बाद यह टेस्ट नीरस ड्रॉ की तरफ जा रहा था. लेकिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के दम पर भारतीय टीम ने ऐसा खेल दिखाया जो इससे पहले कभी देखा नहीं गया. कप्तान रोहित शर्मा ने मुकाबला और सीरीज जीतने के बाद कहा कि कानपुर में मैच का नतीजा निकालने के लिए उनकी टीम पहली पारी में मामूली स्कोर पर आउट होने का जोखिम उठाने को भी तैयार थीय भारत ने पहली पारी में दो सेशन भी बैटिंग नहीं की. केवल 34.4 ओवर में नौ विकेट पर 285 रन बनाकर पारी घोषित की. इससे आखिरी दिन मैच खुल गया जिसे मेजबान ने आखिर में बड़े आराम से अपने नाम किया.
रोहित बोले- टीम इंडिया 100 पर सिमट जाती तो भी...
रोहित और जायसवाल ने तूफानी शुरुआत करते हुए भारतीय टीम की बैटिंग के इरादे जाहिर कर दिए. कप्तान ने 11 गेंद में 23 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने लगातार दो छक्कों से खाता खोला. जायसवाल ने भी टी20 स्टाइल में बैटिंग की और 51 गेंद में 72 रन की पारी खेली. रोहित ने बताया, 'इस पिच पर मैच बना देना गेंदबाजों की जबरदस्त कोशिशों और फिर बल्लेबाजों का यह सोचना कि जितना तेजी से रन बने सके उतना तेजी से बनाने का नतीजा है. हम यह जोखिम लेने को तैयार थे क्योंकि जब आप इस तरह की बल्लेबाजी की कोशिश करते हैं तब आप बहुत आसानी से कम स्कोर पर भी आउट हो जाते हैं. लेकिन हम इसको लेकर तैयार थे कि अगर हम 100-150 पर आउट हो जाएंगे तो भी हम खुद को इस मैच में बने रहने का मौका देंगे और नतीजा निकालेंगे.'
भारतीय टीम ने कानपुर टेस्ट में एक भी मेडन नहीं खेला. 1939 में इंग्लैंड के बाद वह पहली टीम है जिसने ऐसा करते हुए टेस्ट मैच जीता है. इस दौरान भारत ने सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रन बनाने के रिकॉर्ड तोड़े.