रोहित शर्मा ने कानपुर टेस्ट में किया जिगरवाला काम, जीत के बाद कहा- हम 100 रन पर आउट हो जाते तो...

रोहित शर्मा ने कानपुर टेस्ट में किया जिगरवाला काम, जीत के बाद कहा- हम 100 रन पर आउट हो जाते तो...
Rohit Sharma Test Cover BCCI

Highlights:

भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर टेस्ट की पहली पारी में केवल 34.4 ओवर बैटिंग की.

टीम इंडिया ने कानपुर टेस्ट के दौरान सबसे तेज टीम 50, 100, 150, 200 और 250 रन के रिकॉर्ड तोड़े.

कानपुर टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम ने हैरतअंगेज खेल दिखाते हुए बांग्लादेश को सात विकेट से मात दी. दो दिन का खेल बारिश के चलते धुलने के बाद यह टेस्ट नीरस ड्रॉ की तरफ जा रहा था. लेकिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के दम पर भारतीय टीम ने ऐसा खेल दिखाया जो इससे पहले कभी देखा नहीं गया. कप्तान रोहित शर्मा ने मुकाबला और सीरीज जीतने के बाद कहा कि कानपुर में मैच का नतीजा निकालने के लिए उनकी टीम पहली पारी में मामूली स्कोर पर आउट होने का जोखिम उठाने को भी तैयार थीय भारत ने पहली पारी में दो सेशन भी बैटिंग नहीं की. केवल 34.4 ओवर में नौ विकेट पर 285 रन बनाकर पारी घोषित की. इससे आखिरी दिन मैच खुल गया जिसे मेजबान ने आखिर में बड़े आराम से अपने नाम किया.

रोहित ने कानपुर टेस्ट जीतकर सीरीज 2-0 से अपने नाम करने के बाद कहा, 'हमें काफी सोचना पड़ा कि ढाई दिन का खेल खराब होने के बाद मुकाबले को कैसे आगे ले जाया जा सकता है. जब हम चौथे दिन आए थे तब हमने सोचा था कि कोशिश करते हैं और उन्हें जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी आउट करते हैं और फिर देखते हैं कि बल्लेबाजी में हम क्या कर सकते हैं. एक बार जब वे 230 के आसपास पहुंच गए तब हमने सोचा कि अब बात रनों की नहीं बल्कि हमें उन्हें बॉलिंग के लिए कितने ओवर्स चाहिए होंगे इस बारे में थी. इसका मतलब था कि हमें रन रेट को तेज करने की जरूरत थी और जितना हो सके उतने रन बनाने थे क्योंकि पिच से गेंदबाजों को ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी.' 

रोहित बोले- टीम इंडिया 100 पर  सिमट जाती तो भी...

 

रोहित और जायसवाल ने तूफानी शुरुआत करते हुए भारतीय टीम की बैटिंग के इरादे जाहिर कर दिए. कप्तान ने 11 गेंद में 23 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने लगातार दो छक्कों से खाता खोला. जायसवाल ने भी टी20 स्टाइल में बैटिंग की और 51 गेंद में 72 रन की पारी खेली. रोहित ने बताया, 'इस पिच पर मैच बना देना गेंदबाजों की जबरदस्त कोशिशों और फिर बल्लेबाजों का यह सोचना कि जितना तेजी से रन बने सके उतना तेजी से बनाने का नतीजा है. हम यह जोखिम लेने को तैयार थे क्योंकि जब आप इस तरह की बल्लेबाजी की कोशिश करते हैं तब आप बहुत आसानी से कम स्कोर पर भी आउट हो जाते हैं. लेकिन हम इसको लेकर तैयार थे कि अगर हम 100-150 पर आउट हो जाएंगे तो भी हम खुद को इस मैच में बने रहने का मौका देंगे और नतीजा निकालेंगे.'

भारतीय टीम ने कानपुर टेस्ट में एक भी मेडन नहीं खेला. 1939 में इंग्लैंड के बाद वह पहली टीम है जिसने ऐसा करते हुए टेस्ट मैच जीता है. इस दौरान भारत ने सबसे तेज 50, 100, 150, 200 और 250 रन बनाने के रिकॉर्ड तोड़े.