ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में 3 जनवरी को मेलबर्न रेनेगेड्स और मेलबर्न स्टार्स के मुकाबले में नॉन स्ट्राइकर पर रन आउट पर नया बखेड़ा हो गया. स्टार्स के कप्तान एडम जैंपा ने रेनेगेड्स के बल्लेबाज टॉम रोजर्स को नॉन-स्ट्राइकर पर रन आउट करने की कोशिश की लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया. मैकेंजी हार्वे को गेंदबाजी करते समय जैंपा ने अपना फॉलो-थ्रू पूरा किया और जब वह गेंद को हाथ से छोड़ने के करीब थे तभी पीछे मुड़े और स्टंप्स की गिल्लियां बिखेर कर रोजर्स के रन आउट होने की अपील की. इस वजह से उनकी अपील नकार दी गई. इस घटना के बाद नॉन स्ट्राइकर को रन आउट करने को लेकर फिर से विवाद हो गया.
मैदानी अंपायर ने जैंपा की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया की उन्होंने अपना गेंदबाजी एक्शन पूरा कर लिया था. इसके बाद टेलीविजन अंपायर की मदद ली गई जिसमें यह साफ हुआ कि जैंपा का हाथ गेंद को बल्लेबाज के लिए छोड़ने की स्थिति में था. इस तरह रोजर्स को राहत मिली. जैंपा अपनी गेंदबाजी जारी रखने के लिए बॉलिंग मार्क के पास पहुंच गए. सोशल मीडिया पर इस मसले पर काफी बहस हुई. आट नहीं देने के पक्ष और विपक्ष में कई तरह की दलील दी गई.
एमसीसी ने दी सफाई
बहस बढ़ने के बाद मेरिलबॉर्न क्रिकेट क्लब ने मामले को लेकर सफाई दी. उसकी ओर से कहा गया, ‘नॉन स्ट्राइकर को तब रन आउट किया जा सकता है जब वह गेंद रिलीज किए जाने से पहले ही क्रीज से बाहर निकल जाए. गेंदबाज पूरी तरह बॉलिंग एक्शन लेने और फिर नॉन स्ट्राइकर को रन आउट नहीं कर सकता. अगर नॉन-स्ट्राइकर गेंदबाज के गेंदबाजी एक्शन के पूरा होने से पहले क्रीज से बाहर निकलता है तो उसे रन आउट करने की अनुमति है.’
एडम जैंपा ने नॉन स्ट्राइकर को रन आउट करने से पहले गेंदबाजी करते हुए अपना हाथ पूरा घुमा लिया था. इसी वजह से विकेट नहीं गिरा. बाद में टॉम रॉजर्स प्लेयर ऑफ दी मैच चुने गए. उन्होंने 16 रन देकर पांच विकेट लिए और रेनेगेड्स को 33 रन से जीत दिलाई.