BBL में उतरकर इस भारतीय ने रचा इतिहास, सिर्फ 6 रन बनाकर भी छा गया

BBL में उतरकर इस भारतीय ने रचा इतिहास, सिर्फ 6 रन बनाकर भी छा गया

मेलबर्न. बिग बैश लीग में मंगलवार को रोमांचक मैच हुआ. मुकाबला मेलबर्न रेनेगेड्स और होबार्ट हरिकेंस के बीच खेला गया जिसमें एरॉन फिंच की कप्‍तानी वाली रेनेगेड्स को छह रनों से मात मिली. लेकिन इस मैच में सिर्फ यही कुछ नहीं हुआ. बल्कि एक इतिहास भी रचा गया. दरअसल, पुरुष बिग बैश लीग के इस मैच में एक भारतीय ने भी डेब्‍यू किया. उन्‍मुक्‍त चंद ने मौजूदा सीजन के 12 मैच बैंच पर बैठने के बाद आखिरकार 13वें मुकाबले में बिग बैश में डेब्‍यू किया. ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय क्रिकेटर बने. हालांकि उनके लिए ये डेब्‍यू यादगार नहीं बन सका और टीम छह रन से मुकाबला हार गई. ये वही अंतर था जो स्‍कोर उन्‍मुक्‍त ने इस मैच में बनाया. बावजूद इसके उन्‍मुक्‍त इतिहास रचने में तो कामयाब हो ही गए.      

फिंच के 75 रन बेकार 
इस मैच में होबार्ट हरिकेंस ने पहले बल्‍लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 182 रन का स्‍कोर खड़ा किया. इनमें कप्‍तान मैथ्‍यू वेड ने 39 गेंदों पर 48 रन की पारी खेली तो टिम डेविड ने 20 गेंदों की तूफानी पारी में 2 चौकों और 4 छक्‍कों की मदद से नाबाद 46 रन बनाए. उनके अलावा डार्सी शॉर्ट ने 37 व केलेब जेवेल ने 35 रनों का योगदान दिया. जवाब में एक समय मेलबर्न रेनेगेड्स ने 1 विकेट खोकर 14.5 ओवर में 138 रन बना लिए थे और टीम जीत की ओर आसानी से बढ़ रही थी. तभी शॉन मार्श 38 गेंदों पर 51 रन बनाकर आउट हो गए. उन्‍मुक्‍त चंद चौथे नंबर पर उतरे लेकिन वो भी अपनी पारी को 6 रन से ज्‍यादा नहीं खींच सके और संदीप लमिछाने का शिकार हो गए. कप्‍तान एरॉन फिंच ने 52 गेंदों पर 75 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने की कोशिश की लेकिन आखिरकार छह रन की दूरी नहीं पाट सके.  


नया रंग जंच रहा है उन्‍मुक्‍त चंद... 
अंडर-19 विश्व कप के पूर्व विजेता कप्तान और दाएं हाथ के 28 साल के बल्लेबाज उन्‍मुक्‍त चंद ने बीबीएल में होबार्ट हरिकेंस के खिलाफ पदार्पण किया. रेनेगेड्स ने टीम की जर्सी में उनकी तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘नया रंग आप पर जंच रहा है उन्मुक्त चंद.’ उन्मुक्त की कप्तानी में भारत ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी अंडर-19 विश्व कप जीता था. उन्होंने पिछले साल अगस्त में भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया, जिससे वह विदेशों में लीग खेलने के योग्य हो गए. अंडर-19 विश्व कप की सफलता के बाद उन्होंने भारत ए टीम का भी नेतृत्व किया, लेकिन कभी सीनियर टीम का हिस्सा नहीं बन सके.