जॉस बटलर से छीनी जाएगी इंग्लैंड की कप्तानी! माइकल वॉन ने चैंपियंस ट्रॉफी की नाकामी के बाद बताया बलि का बकरा, बोले- मान लो कि अब...

जॉस बटलर से छीनी जाएगी इंग्लैंड की कप्तानी!  माइकल वॉन ने चैंपियंस ट्रॉफी की नाकामी के बाद बताया बलि का बकरा, बोले- मान लो कि अब...
जॉस बटलर

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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का कहना है कि बटलर अब बच नहीं पाएंगे.

जॉस बटलर की कप्तानी में इंग्लैंड ने 2022 टी20 वर्ल्ड कप जीता था.

इंग्लैंड ने साल 2025 में 10 में से नौ वनडे-टी20 मैच गंवाए हैं.

इंग्लैंड को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ऑस्ट्रेलिया व अफगानिस्तान से हार के चलते बाहर होना पड़ा. इस तरह से लगातार तीसरे आईसीसी इवेंट में इंग्लैंड के खेल की धज्जियां उड़ गई. ऐसे में जॉस बटलर की कप्तानी पर गंभीर खतरा खड़ा हो गया है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का कहना है कि बटलर अब बच नहीं पाएंगे. उन्हें बलि का बकरा बनाया जाएगा. बटलर की कप्तानी में इंग्लैंड ने 2022 टी20 वर्ल्ड कप जीता था. लेकिन इसके बाद से हालात बिगड़ चुके हैं. वह वर्ल्ड कप 2023, टी20 वर्ल्ड कप 2024 और अब चैंपियंस ट्रॉफी में खिताब जीतने में नाकाम रही. पिछले दो टूर्नामेंट में नाकामी के चलते मैथ्यू मॉट को कीमत चुकानी पड़ी थी. वे इंग्लैंड की सफेद गेंद क्रिकेट टीमों के हेड कोच थे.

माइकल वॉन बोले- इंग्लैंड एक साथ टेस्ट-वनडे में दबदबा क्यों नहीं रख पाता

 

वॉन ने इस बात पर मलाल जताया कि इंग्लिश टीम एक ही समय पर टेस्ट व वनडे-टी20 में बादशाहत कायम नहीं कर पाती है. उन्होंने कहा कि अगर टेस्ट में दबदबा होता है तो सफेद गेंद क्रिकेट में खेल बिगड़ जाता है. अगर वनडे-टी20 में अच्छा होता है तो टेस्ट तबाह हो जाता है. उन्होंने कहा, इतिहास में किसी भी स्तर पर दोनों फॉर्मेट में अच्छे खासे समय तक हम कामयाब नहीं रहे. यह अच्छी बात नहीं है. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यहां तक कि अब साउथ अफ्रीका को देखिए. वे फॉर्मेट्स में फिट हो जाते हैं. हमारे पास बहुत टैलेंट है लेकिन हम एक ही समय पर टेस्ट व सफेद गेंद क्रिकेट में अच्छे क्यों नहीं हो सकते.

वॉन बोले- 25 में से 18 वनडे हार चुके हो

 

वॉन ने इंग्लैंड के खेल के रवैये पर सवाल उठाए और कहा, अब मान लो कि हमारा रवैया काम नहीं कर रहा. वे 25 में से 18 वनडे हार चुके हैं और इस साल 10 में से नौ सफेद गेंद के मैच गंवा चुके हैं. उन्होंने अच्छे रंग में आने के लिए थोड़ा गहराई से सोचना होगा. इतनी गहरी समस्या के लिए तुरत-फुरत में कुछ नहीं हो सकता.

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