पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई के सामने घुटने टेके दिए है. PCB हाइब्रिड मॉडल पर चैंपियंस ट्रॉफी कराने के लिए तैयार हो गया है. टूर्नामेंट फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में खेला जाना है. इस टूर्नामेंट के लिए भारत ने पाकिस्तान जाने से साफ मना कर दिया था. जिसके बाद हाइब्रिड मॉडल की मांग उठी थी. हालांकि पाकिस्तान ने पहले तो हाइब्रिड मॉडल को मानने से मना कर दिया था. जिसके बाद से ही टूर्नामेंट पर विवाद जारी है.
अब इस मुद्दे पर विवाद लगभग खत्म होने के करीब है. बीते दिन इस मुद्दे पर आईसीसी की मीटिंग हुई. मीटिंग में पाकिस्तान को हाइब्रिड मॉडल का विकल्प दिया गया. साथ ही ये भी कहा गया था कि अगर हाइब्रिड मॉडल पर पाकिस्तान सहमत नहीं होता है तो टूर्नामेंट की मेजबानी किसी और को दी जा सकता है. मीटिंग में पाकिस्तान को फैसला लेने का वक्त दिया गया. अब पाकिस्तान को अपने आखिरी फैसले के साथ आईसीसी मीटिंग में जाना है.
मेजबानी का अधिकार खोना नहीं चाहता पाकिस्तान
अब मिली जानकारी के अनुसार पीसीबी,आईसीसी और बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के कुछ अहम बात पर आपसी सहमति पर पहुंच गए हैं. पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए हाइब्रिड मॉडल पर सहमत हो गया, क्योंकि वे मेजबानी के अधिकार नहीं खोना चाहते हैं.
पाकिस्तान की सहमति के साथ दो शर्त रखी है. पहली शर्त ये है कि अगर भारत टूर्नामेंट से बाहर हो जाता है तो फाइनल लाहौर में खेला जाएगा. दूसरी शर्त ये है कि अगर भारत टूर्नामेंट की मेजबानी करता है तो पाकिस्तान के मैच भारत से बाहर हो. आईसीसी ने अगली बैठकर शनिवार को होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि पीसीबी को ही अपने फाइनल फैसले के साथ आईसीसी के पास वापस आना है.
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पीसीबी, आईसीसी और बीसीसीआई इन पॉइंट्स को स्वीकार कर लिया है.
- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाइब्रिड मॉडल का स्वीकार कर लिया है.
- दुबई भारत के मैचों की मेजबानी करेगा.
- पहला सेमीफाइनल और फाइनल दुबई में खेला जाएगा. (यदि भारत क्वालिफाई करता है).
- यदि भारत क्वालिफाई नहीं रकता है तो सेमीफाइनल और फाइनल पाकिस्तान में खेले जाएंगे.
- दुबई में भारत के मैचों के लिए अमीरात क्रिकेट बोर्ड बके साथ गेट मनी शेयर नहीं की जाएगी.
ICC के साथ लंबी बातचीत के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर सुझाए गए हाइब्रिड मॉडल पर अपना आखिरी निर्णय देने का दबाव है. पाकिस्तान हाइब्रिड व्यवस्था को स्वीकार करने के लिए लगभग तैयार है, मगर अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ लाभों का अनुरोध कर रहा है.