विराट कोहली के दम पर भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली है. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 265 रन का टार्गेट दिया था और कोहली ने इस टार्गेट के हिसाब से अपनी ऐसी रणनीति बनाई, जिसने ऑस्ट्रेलिया केा दबाव में ला दिया और फिर भारत ने 11 गेंद पहले छह विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया. कोहली ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उन्हें चेजमास्टर क्यों कहा जाता है. जीत के बाद कोहली ने अपनी चेज स्किल का खुलासा भी किया. उन्होंने बताया कि वह किस चीज से अपने खेलने का स्टाइल तय करते हैं.
जीत के बाद कोहली ने बताया वह ओवर्स की संख्या और बचे हुए रन के हिसाब से अपना स्टाइलय तय करते हैं. उन्होंने कहा-
यह खेल पूरी तरह से दबाव पर है, खासकर सेमीफाइनल और फाइनल जैसे बड़े खेलों पर. यदि आप पारी में आगे बढ़ते हैं और आपके पास भरपूर विकेट हैं, तो विपक्षी टीम आमतौर पर हार मान लेती है और फिर खेल आसान हो जाता है. मैच के दौरान अपने जोश को कंट्रोल करना बहुत अहम है.
मेरे लिए वह ओवरों की संख्या और बचे हुए रनों की संख्या जानना सबसे अहम है. भले ही अंतर 25-30 हो और यह छह या उससे ज्यादा हो, मुझे तब तक कोई परेशानी नहीं है जब तक हमारे पास सात या छह विकेट हों, क्योंकि तब आप जानते हैं कि दो सेट बल्लेबाज और हम खेल को पलट सकते हैं. विपक्षी टीम केवल विकेट लेकर ही खेल में आ सकती है, इसलिए यही योजना थी.
कोहली से जब पूछा गया कि क्या वह वनडे में पहले की तरह ही खेल रहे हैं तो उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने कभी भी उन चीजों पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा-
मैंने कभी उन चीजों पर ध्यान नहीं दिया. जब आप उन माइलस्टोन के बारे में नहीं सोचते हैं, तो वे जीत की ओर बढ़ते हुए होते हैं. मेरे लिए यह सब गर्व करने और टीम के लिए काम करने के बारे में है और अगर मैं सेंचुरी तक पहुंच जाता हूं, तो बहुत बढ़िया. अगर नहीं तो ऐसे दिन आप जीत जाते हैं.
कोहली ने सेमीफाइनल में 98 गेंदों में 84 रन बनाए. हालांकि वह अपने शतक से चूक गए. एडम जम्पा की गेंद पर हवाई शॉट खेलने के चक्कर में वह अपना विकेट गंवा बैठे.
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