टेबल टेनिस में साथियन ग्यानसेकरन ने कांस्य पदक जीत लिया है. उन्होंने पुरुष एकल में यह पदक हासिल किया. साथियन ग्यानसेकरन ने कड़े मुकाबले में इंग्लैंड के पीटर ड्रिंकॉल को 11-9, 11-3, 11-5, 8-11, 9-11, 10-12,11-9 से मात दी. एक समय भारतीय खिलाड़ी 3-0 से बढ़त बनाए हुए थे. लेकिन इंग्लिश खिलाड़ी ने गजब की वापसी करते हुए मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया. आखिरी गेम में भी साथियान ने 7-1 से बढ़त ले ली थी लेकिन ड्रिंकॉल ने हार नहीं मानी और स्कोर 9-9 कर दिया. लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने दो गेम पॉइंट लेकर कांस्य पदक भारत के नाम लिख दिया. वहीं अचंता शरत कमल ने इस स्पर्धा का गोल्ड जीता.
एकल रैंकिंग में 35वें स्थान पर काबिज साथियान ने शुरुआती तीन गेम जीत कर शानदार शुरुआत की लेकिन रैंकिंग में 74वें स्थान वाले खिलाड़ी ड्रिकहॉल ने शानदार वापसी करते हुए मुकाबला 3-3 से बराबर कर लिया. निर्णायक सातवां गेम भी बेहद करीबी रहा.
साथियान को मिला तीसरा मेडल
साथियान का यह इन खेलों में तीसरा मेडल है. उन्होंने पुरुष टीम के साथ गोल्ड और शरत कमल के साथ पुरुष युगल में सिल्वर हासिल किया था. पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में साथियान का यह छठा पदक है. शरत और साथियान ने इसके साथ ही पुरुष युगल के फाइनल में पिचफोर्ड और ड्रिंकहॉल से मिली हार का भी बदला ले लिया.
शरत ने जीता 13वां मेडल
वहीं भारत के अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने पुरुष एकल स्पर्धा का गोल्ड जीता. उन्होंने फाइनल में इंग्लैंड के लियम पिचफोर्ड को 4 -1 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. शानदार लय में चल रहे 40 साल के शरत ने उम्र को धता बताते हुए रैंकिंग में अपने से बेहतर खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से जीत दर्ज की. शरत की विश्व रैंकिंग 39वीं है जबकि पिचफोर्ड 20वें स्थान पर काबिज हैं. शरत का इन खेलों में यह कुल 13वां पदक है. उन्होंने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते. वह 2006 में मेलबर्न खेलों में फाइनल में पहुंचे थे और स्वर्ण पदक जीता था.