इंग्लैंड में काउंटी चैंपियनशिप में ग्लेमॉर्गन टीम के कप्तान डेविड लॉयड ने धूम मचा दी. उन्होंने डर्बीशर के खिलाफ मुकाबले में ट्रिपल सेंचुरी उड़ा दी. यह उनके करियर का पहला तिहरा शतक है. वे 313 रन बनाकर नाबाद रहे. डेविड लॉयड की कप्तानी पारी के बूते ग्लेमॉर्गन ने पहली पारी में पांच विकेट पर 550 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद पारी घोषित कर दी. लॉयड ने अपनी पारी में 398 गेंदों का सामना किया और 40 चौके व चार छक्के लगाए. उन्होंने छक्का लगाकर तिहरा शतक पूरा किया. यह फर्स्ट क्लास करियर में उनका सर्वोच्च स्कोर है.
डेविड लॉयड ग्लेमॉर्गन की तरफ से ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले तीसरे ही बल्लेबाज हैं. साथ ही इस टीम के कप्तान के रूप में किसी खिलाड़ी ने पहली बार 300 रन का आंकड़ा छुआ है. इस मुकाबले से पहले लॉयड का सर्वोच्च स्कोर 121 रन था. साथ ही उनके नाम 95 मैचों में केवल पांच ही शतक थे. लेकिन डर्बीशर के खिलाफ मुकाबले में डेविड लॉयड ने दिखाया कि वे क्या कर सकते हैं. उन्होंने लगभग डेढ़ दिन तक बैटिंग की और क्रीज पर 551 मिनट बिताए. वे ओपन करने उतरे थे और लगातार टीम के लिए रन बनाते रहे.
डेविड लॉयड के अलावा ग्लेमॉर्गन की तरफ से बिली रूट ने 79, थॉमस बेवन ने 48 और एंड्रयू सॉल्टर ने 45 रन की पारियां खेलीं. लॉयड और सॉल्टर के बीच छठे विकेट के लिए 151 रन की अटूट साझेदारी हुई. इसमें सॉल्टर का योगदान केवल 45 रन का रहा. डर्बीशर के कप्तान बिली गॉडलमैन ने लॉयड को आउट करने के लिए सात गेंदबाज लगाए लेकिन कोई कामयाब नहीं रहा. डर्बीशर की तरफ से सबसे सफल बॉलर अनुज दल रहे जिन्होंने 67 रन देकर दो विकेट लिए.
30 साल के डेविड दाएं हाथ के बल्लेबाज और मीडियम पेसर हैं. वे फर्स्ट क्लास करियर में 95 मैच में 28.64 की औसत से 4297 रन बना चुके हैं. वहीं 91 विकेट भी लिए हैं. वे घरेलू क्रिकेट में ग्लेमॉर्गन का ही हिस्सा रहे हैं. इंग्लैड के पूर्व क्रिकेटर जेम्स टेलर उनके स्कूल मैट रहे हैं. टेलर उनसे दो साल सीनियर थे. 2011 में लॉयड ग्लेमॉर्गन से जुड़े थे. 2012 में उन्होंने फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था.