भारत और इंग्लैंड के बीच कटक में खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले में बत्ती गुल हो गई. इससे करीब आधे घंटे तक मुकाबला रुका रहा. भारतीय टीम जब लक्ष्य का पीछा करने उतरी तब छठे ओवर के तुरंत बाद लाइट चली गई. हालांकि ज्यादा समय नहीं लगा और फिर से फ्लडलाइट्स जल गई. एक गेंद फेंकी गई और दोबारा से फ्लडलाइट्स बंद हो गई. इसे ठीक करने में समय लग गया. करीब आधे घंटे तक मैच रुका रहा. इस दौरान खिलाड़ी मैदान से बाहर चले गए. बाद में फ्लडलाइट्स के टावर को ठीक किया गया और खिलाड़ी मैदान पर आए. अच्छी बात यह रही कि समय खराब होने के बाद भी ओवर्स में कटौती नहीं हुई. लेकिन इस घटना ने कटक के बाराबती स्टेडियम को फिर से विवादों में ला दिया.
साल 2015 में भी कटक का स्टेडियम विवादों में आया था. तब भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टी20 मुकाबला खेला गया. इसमें महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेल रही टीम इंडिया 92 रन पर ढेर हो गई. जो तब घरेलू मैदान पर भारत का सबसे छोटा स्कोर था. केवल तीन ही भारतीय बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार कर पाए. इस खेल को देखकर फैंस नाराज हो गए. उन्होंने मैदान में बोतलें फेंकना शुरू कर दिया. कुल तीन बार ऐसा हुआ. सबसे पहले भारतीय समाप्ति के बाद हुआ लेकिन इससे खेल में दिक्कत नहीं हुई.
साउथ अफ्रीकी टीम जब लक्ष्य का पीछा कर रही थी तब 11वें ओवर के बाद फिर से बोतलें फेंकी गई. इससे 27 मिनट तक खेल रुका रहा. दो ओवर बाद फिर से ऐसा ही हुआ. इस बार 24 मिनट तक खेल नहीं हो पाया. पुलिस ने तब फैंस को मैदान से बाहर भेज दिया. साउथ अफ्रीका ने 17.1 ओवर में चार विकेट गंवाकर मैच अपने नाम कर लिया.
गावस्कर ने की बैन की मांग
इस घटना के बाद कई पूर्व क्रिकेटर्स ने ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन और बाराबाती स्टेडियम के अधिकारियों को निशाने पर लिया. भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने मांग की थी कि इस स्टेडियम पर बैन लगा देना चाहिए. यहां पर आने वाले सालों में इंटरनेशनल मैच नहीं होने चाहिए.
कटक में बोतलें फेंके जाने वाली घटना के दो साल बाद अगला मैच खेला गया. यह वनडे मैच था जिसमें भारत और इंग्लैंड शामिल रहे. वह मैच शांति से निपट गया था. उस मुकाबले में युवराज सिंह और एमएस धोनी ने शतक लगाते हुए भारत को जीत दिलाई थी. कटक में अभी तक तीन टी20 इंटरनेशनल, 20 वनडे और दो टेस्ट मैच खेले गए हैं.
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