मोहम्मद शमी 14 महीने बाद भारतीय क्रिकेट टीम में वापस आए हैं. वे 22 जनवरी को इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में खेलते हुए दिखेंगे जो नवंबर 2023 में वर्ल्ड कप फाइनल के बाद उनका पहला इंटरनेशनल मैच रहेगा. मोहम्मद शमी टखने की चोट और सर्जरी के चलते खेल से दूर हो गए थे. अक्टूबर में रणजी ट्रॉफी से वापसी की और अब फिर से टीम इंडिया में हैं. उन्होंने इस दौरान खेल से दूर रहने के बारे में कहा कि एक खिलाड़ी कई चोटों के झटके सह सकता है अगर उसके अंदर देश के लिए खेलने की भूख बरकरार है.
मोहम्मद टी20 सीरीज के बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी की टीम इंडिया का हिस्सा भी रहेंगे. उन्होंने कोलकाता में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम के दौरान चोट और वापसी को लेकर कहा, ’देश के लिए जो खेलने की भूख है वो कभी खत्म नहीं होनी चाहिए. आपको अगर उससे प्यार है तो आप हमेशा फाइटबैक करते रहेंगे, चोटिल चाहे आप 10 बार हो जाए. मुझे लगता है कि देश के लिए खेलने की भूख कभी खत्म नहीं होनी चाहिए.’
मोहम्मद शमी ने आगे कहा,
मेरे दिमाग में हमेशा यही रहता है कि मैं कितना भी मैच खेलू लूं वो मेरे लिए कम है क्योंकि एक बार अगर मैंने क्रिकेट छोड़ा तो शायद वो दोबारा नहीं होगा. ऐसा कभी नहीं हुआ कि अपने राज्य या देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी चोट लगने के बाद खेल छोड़ने के बारे में सोचें. जब भी हम चोटिल होते हैं तो हमारे दिमाग में एक ही विचार आता है, हम कब वापसी कर सकते हैं?
मोहम्मद शमी बोले- कड़ी मेहनत करोगे तो कोई चोट कुछ नहीं बिगाड़ेगी
शमी चोट की वजह से टी20 वर्ल्ड कप 2024 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जैसी सीरीज नहीं खेल सके. उन्होंने कहा कि चोटिल होना किसी खिलाड़ी के करियर का हिस्सा है और अगर कोई खिलाड़ी वफादारी व संकल्प के साथ खेलते हैं तो वह देश के लिए खेलने का हकदार है. शमी ने कहा, 'अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं और काम को लेकर संकल्पित हैं तो कोई चोट आपको लंबे समय तक दूर नहीं रख सकती. आप हमेशा वापस आने का रास्ता ढूंढ़ लेंगे.'
मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप 2023 के सबसे कामयाबी बॉलर थे. उन्होंने सात पारियों में 24 विकेट लिए थे जो 10.70 की औसत से आए थे. अब टीम इंडिया को ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद चैंपियंस ट्रॉफी में भी रहेगी.