टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर पूरी टीम के साथ 6 जून को इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे. यहां पर टीम टेस्ट सीरीजी खेलेगी. लेकिन इससे ठीक पहले कहीं न कहीं उन्हें कुंबले और कोहली वाला किस्सा याद आ गया होगा. इसके अलावा उन्हें ये भी पता था कि एक युग से दूसरे युग तक कैसे आसानी से बदलाव हो सकते हैं जैसे गैरी कर्स्टन और जॉन राइट के दौर में हुआ था.
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इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर अतुल वासन ने कहा कि, जब कोई टीम हारती है तब नए कोच को नियुक्त किया जाता है. जो चीज टूटी नहीं है उसे कोई भी फिक्स नहीं करना चाहता है. इस युग में लोगों को लगता है कि वो फिर से सबकुछ बनाएंगे. लेकिन उनमें धैर्य नहीं है.
गंभीर ने सबकुछ बेहद आसानी से किया
अतुल वासन ने आगे कहा कि, आपको ये दिमाग में रखना होगा कि कई बड़े खिलाड़ी हैं जिनको ये लग रहा होगा कि उनके नियम तोड़े जा रहे हैं. भारतीय टीम में वो काफी ताकतवर हैं. और वो ऐसा कभी नहीं होने देते हैं. ऐसे में आपको गैरी कर्स्टन या फिर जॉन राइट की तरफ सबकुछ बेहद शांत तरीके से करना होता है. क्योंकि इसी से आप भारतीय क्रिकेट में खुद को जिंदा रख सकते हैं. साम दाम दंड भेद.
बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गंभीर ने टीम मैनेजमेंट को ये कह दिया था कि उन्हें ड्रेसिंग रूम का पूरा कंट्रोल चाहिए. विराट कोहली और रोहित शर्मा अब टेस्ट से रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में गंभीर कुछ बड़ा जरूर सोचेंगे. वासन ने कहा कि, गौतम गंभीर को अब हर हाल में फ्री हैंड दे देना चाहिए.
वासन ने अंत में कहा कि, कोई भी कोच जब टीम इंडिया में आता है तो आपको उसे फ्री हैंड देना होता है. क्योंकि अगर आप उसके बाद रिजल्ट नहीं ला पाते हैं तो आपको बाहर कर दिया जाता है. ऐसे नहीं है कि सभी फैसले आप ही लेते हैं क्योंकि अंत में आप रिलज्ट की गारंटी नहीं दे सकते हैं. आपको बैलेंस बनाकर चलना पड़ता है.