डोमेस्टिक में अपने बल्ले से रनों का अंबार खड़ा करने वाले करुण नायर की आखिरकार 3000 दिनों बाद भारत की टेस्ट टीम में वापसी हो चुकी है. नायर अब टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड दौरे पर जाएंगे. लेकिन साल 2016 से सेलेक्टर्स ने जिस खिलाड़ी की तरफ ध्यान नहीं दिया, आखिरकार इस दौरान वो क्या कर रहा था और हार न मानने वाले जज्बे के साथ कैसे इस खिलाड़ी की टीम के भीतर वापसी हुई. इसकी कहानी को अगर सुन लेंगे तो भावुक हो जाएंगे. जिस कोच ने नायर को कमबैक के लिए तैयार किया उनका नाम विजयकुमार मड्याल्कर हैं.
व्हॉट्सऐप ग्रुप ने बदली जिंदगी
विजयकुमार और नायर के ट्रेनर ने एक व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया जिसका नाम उन्होंने कमबैक सीजन रखा. इस दौरान विजय, ट्रेनर साई प्रसन्ना और अन्य असिस्टेंट कोच ने मिलकर दो साल तक बिना किसी शोर के खूब मेहनत की. ऐसे में ये मेहनत तब रंग लाई जब नायर ने डोमेस्टिक में बल्ले से आंधी उड़ाई और फिर टीम इंडिया में शामिल हुए.
नायर को कर्नाटक की टीम से जुलाई 2022 में बाहर कर दिया गया था. लेकिन इसके 14 महीने बाद वो नॉर्थम्प्टनशर में शामिल हुए. नायर एकेडमी के लिए 3 घंटे का सफर करते थे और लगातार ट्रेनिंग करते थे. विजयकुमार ने कहा कि, नायर 3 घंटे का सफर कर एकेडमी पहुंचते थे. वो पूरी तरह टूट चुके थे. वो वापस अपनी स्किल्स पर काम कर रहे थे. 6 महीने तक उन्होंने ऐसे ही अभ्यास किया. एकेडमी में एक दिन में 600 गेंदों का सामना करते थे. 2018 से टीम इंडिया से बाहर होने वाले नायर ने नॉर्थम्प्टनशर के लिए पहले मैच में 150 रन ठोके. इसके बाद डोमेस्टिक में उन्होंने 33 पारी में 1553 रन बनाए. रणजी में 883 रन ठोके और विदर्भ को चैंपियन बनाया. नायर ने विजय हजारे में भी 5 शतक की मदद से 779 रन ठोके. फाइनल में उन्होंने केरल के खिलाफ शतक भी ठोका था. नायर ने 10 किलो वजन भी घटाया और खूब पसीने बहाए. यही कारण है कि नायर की टीम इंडिया में वापसी हुई है. नायर के कोच विजयकुमार का यही सपना है कि नायर इंग्लैंड दौरे पर सबसे पहले शतक लगाए.