Saika Ishaque: पैसे न होने के चलते छोड़ी पढ़ाई, बेटी को क्रिकेटर बनाना चाहते थे पिता, जानें WPL के बाद टीम इंडिया के लिए धमाल मचाने वाली कौन हैं सायका इशाक

Saika Ishaque: पैसे न होने के चलते छोड़ी पढ़ाई, बेटी को क्रिकेटर बनाना चाहते थे पिता, जानें WPL के बाद टीम इंडिया के लिए धमाल मचाने वाली कौन हैं सायका इशाक
सायका इशाक ने हर मुश्किलों को पार कर सफलता हासिल की है

Highlights:

सायका इशाक ने तीसरे टी20 में टीम इंडिया को जीत दिला दी

इशाक ने 3 अहम विकेट लिए

सायका वीमेंस प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस के लिए खेलती हैं

टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाली महिला क्रिकेटर सायका इशाक (Saika Ishaque) फिलहाल ट्रेंड कर रही हैं. वीमेंस प्रीमियर लीग से अपना नाम बनाने वाली सायका ने अपनी कमाल की गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ जीत दिला दी. सायका को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 में ही हरमनप्रीत कौर ने डेब्यू कैप दिया था. हरमन वही कप्तान हैं जिनके नेतृत्व में सायका मुंबई इंडियंस के लिए पहला WPL सीजन खेल चुकी हैं. लेकिन सायका का सफर यहां तक आसान नहीं रहा है. सायका को जब टीम इंडिया का कैप मिला तो उनसे ज्यादा खुश दो और लोग थे जो कोलकाता में बैठे थे.

 

पूर्व क्रिकेटर मिठु मुखर्जी और शिबसागर सिंह ही दो ऐसे शख्स हैं जिन्होंने सायका को एक क्रिकेटर के रूप में तैयार किया है.  दोनों का सायका के करियर में सबसे अहम रोल है. डोमेस्टिक लेवल पर सायका बंगाल क्रिकेट के लिए खुद को साबित कर चुकी थी. लेकिन कंधे की चोट ने उन्हें राज्य टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद मिठु की देखरेख में इस खिलाड़ी ने वापसी की. सायका के लिए सबकुछ खत्म हो चुका था लेकिन शिबसागर और मिठु ने मिलकर उनका एक्शन सुधारा और विकेट लेने की कला सिखाई.

 

लड़कों के साथ खेला क्रिकेट


सायका ने लड़कों के साथ क्रिकेट की शुरुआत की. वो छोटी बाल रखती थीं और लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी. लेकिन जब लड़कों को इस बारे में पता चला तो उन्हें काफी बुरा लगा और सभी ने सायका से बात करना बंद कर दिया. बचपन में सायका के पिता उन्हें फुटबॉल मैच दिखाने के लिए ले जाया करते थे लेकिन वो शुरुआत से यही चाहते थे कि उनकी बेटी क्रिकेटर बने. सायका के करियर में उस वक्त बदलाव आया जब उनके पिता की मौत हो गई.

 

पिता की मौत ने बदला करियर


पिता को खो देने के बाद सायका के करियर में बदलाव आया और वो क्रिकेट को लेकर सीरियस हो गई. उन्होंने अपना लक्ष्य बना लिया कि वो अपने पिता के लिए क्रिकेट खेलेंगी. इसके बाद उन्होंने एकेडमी में इस खेल को सीखना शुरू किया. वो उस एकेडमी में भी गई जहां झूलन गोस्वामी ने ट्रेनिंग ली थी.

 

सायका घरेलू क्रिकेट में तब सबके सामने आई जब उन्होंने महिला सीनियर टी20 घरेलू टूर्नामेंट में लगातार दो गेंदों पर हरमनप्रीत कौर और यस्तिका भाटिया के विकेट चटकाए थे. इसके बाद से ही सायका का नाम घरेलू क्रिकेट में चर्चा का विषय बना गया था. यही कारण है कि मुंबई इंडियंस ने इस खिलाड़ी को 10 लाख रुपये के बेस प्राइस में शामिल किया था. कोलकाता के काली घाट क्रिकेट क्लब से खेलते हुए सायका ने सबसे पहले बंगाल के लिए अंडर-16 टीम फिर अंडर-23 टूर्नामेंट में भी खेला. इतना ही नहीं उनके रहते हुए बंगाल ने अंडर-23 वनडे टूर्नामेंट भी जीता था.

 

WPL और झूलन गोस्वामी


वीमेंस प्रीमियर लीग के पहले सीजन में मुंबई इंडियंस की टीम के साथ महिला टीम इंडिया की लेजेंड्री गेंदबाज झूलन गोस्वामी भी जुड़ी थी. ऐसे में सायका भी इस टीम के भीतर 10 लाख रुपए में शामिल हुईं. झूलम को पता था कि सायका में टैलेंट है.  ऐसे में झूलन ने सायका को ट्रेन करना शुरू किया और इसका असर पहले ही सीजन में देखने को मिला. सायका ने मुंबई इंडियंस के लिए 10 मैचों में कुल 15 विकेट लिए और टीम को टाइटल जीत दिलाने में सबसे अहम योदान दिया. टॉप 10 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सायका इकलौती स्पिनर थीं.  डोमेस्टिक सीजन में भी उनका ये आत्मविश्वास दिखा जब सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी में उन्होंने सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए वो भी 9 मैचों में. इसके बाद 5 इंटर जोनल मैचों में उन्होंने 8 और विकेट लिए और यही वो वक्त था जब भारतीय टीम में उनका डेब्यू हुआ.

 

टीम इंडिया के लिए डेब्यू


इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 में डेब्यू करने वाली सायका को काफी ज्यादा रन पड़े. 4 ओवरों में सायका ने 38 रन दिए और सिर्फ एक विकेट हासिल किया. वहीं दूसरे टी20 में भी वो कुछ खास नहीं कर पाईं और 2 ओवरों में 21 रन लुटा सिर्फ 1 विकेट ही लिया. हालांकि तीसरे और आखिरी टी20 में सायका ने कमाल की गेंदबाजी की और भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. सायका ने 4 ओवरों में कुल 22 रन देकर 3 अहम विकेट लिए. सायका के लिए अगला साल बेहद अहम होने वाला है. ये खिलाड़ी अगर इसी तरह धांसू प्रदर्शन करती गई तो आने वाले समय में वो टीम इंडिया की नंबर 1 स्पिनर बन अपनी जगह पक्की कर सकती हैं. वहीं वीमेंस प्रीमियर लीग में भी उनपर फ्रेंचाइजियों के लिए जरिए पैसों की बरसात हो सकती है.

 

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