Rohit Sharma : आधुनिक क्रिकेट में बहुत कम ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाते हैं और फिर फैंस उन्हें एक नया नाम देते हैं. इसी कड़ी में विराट कोहली को जहां किंग कोहली के नाम से फैंस जानते हैं. वहीं टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को उनके ताबड़तोड़ छक्कों के लिए फैंस हिटमैन के नाम से पुकारते हैं. इतना ही नहीं रोहित शर्मा को भी अपना ये नाम काफी रास आता है. साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत के लिए पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खेलने वाले रोहित शर्मा वर्ल्ड चैंपियन बने और फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. रोहित ने भी अपने करियर के दौरान तमाम मुसीबतों का सामना किया और मां-बाप से दूर रहते हुए उन्होंने पूरी मुंबई में अपनी बैटिंग का जलवा बिखरने के बाद उसे विश्व पटल तक लाने में कोई कोताही नहीं बरती. ऐसे में जानते हैं कि कैसे नागपुर में जन्म लेने और मुंबई आने के बाद वह पूरी दुनिया के लिए कैसे हिटमैन बन गए.
नागपुर में हुआ जन्म और दिनेश लाड ने बनाया बल्लेबाज
रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल साल 1987 में महाराष्ट्र के नागपुर में बनसोड में हुआ था. उनके पिता एक कंपनी में केयरटेकर की नौकरी करते थे. रोहित के पिता गुरुनाथ शर्मा की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह मुंबई में अपने दादा के घर आ गए. जहां पर चाचा ने रोहित के क्रिकेटर बनने में काफी मदद की और उनके पंखों को पहली उड़ान मुंबई के कोच दिनेश लाड ने दी. दिनेश लाड ने साल 1999 में पहली बार रोहित शर्मा को देखा और वह बचपन में ऑफ स्पिनर बनना चाहते थे. लेकिन कोच दिनेश ने उनकी बैटिंग स्किल्स को पहचानकर उन्हें बल्लेबाज बनने की सलाह दी और रोहित ने इसे बखूबी अपनाया.
रोहित ने 4 साल तक नहीं दी अकादमी की फीस
रोहित शर्मा को अपने शुरुआती दिनों में तमाम आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा और उन्होंने खुद कई इंटरव्यू में संघर्ष को याद करते हुए बताया है कि वह मुंबई में वड़ा पाव खाकर क्रिकेट खेले हैं. जबकि कोच दिनेश लाड ने उनकी प्रतिभा को देखकर चार साल तक अकादमी की फीस नहीं ली. जिससे देश को हिटमैंन जैसा जांबाज खिलाड़ी मिल सका.
साल 2005 में घरेलू क्रिकेट में रखा कदम
साल 2005 में रोहित ने लिस्ट ए यानि 50-50 ओवरों की देवधर ट्रॉफी में वेस्ट जोन के लिए खेलते हुए घरेलू क्रिकेट का आगाज किया. इसके बाद साल 2006-07 सीजन में रोहित ने मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया और साल 2007 में ही वह टी20 टीम इंडिया में शामिल हो गए. जिसके बाद से रोहित शर्मा का सफर अभी तक जारी है और उन्होंने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक जड़ने के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट और टी20 फॉर्मेट में भी काफी नाम बनाया. रोहित के नाम 262 वनडे मैचों में भारत के लिए 10709 रन दर्ज हैं जबकि टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 59 टेस्ट मैचों में 4137 रन दर्ज हैं.
रोहित का टी20 वर्ल्ड कप में प्रदर्शन
रोहित शर्मा के नाम टी20 वर्ल्ड कप में एक खास रिकॉर्ड दर्ज है. दरअसल, रोहित शर्मा ने अब तक खेले गए सभी आठ टी20 वर्ल्ड कप में भाग लिया है और वो ऐसा करने वाले शाकिब अल हसन के बाद इकलौते खिलाड़ा हैं. रोहित अभी तक टी20 वर्ल्ड कप के 39 मैचों में 34.39 की औसत से 963 रन बना चुके हैं. टी20 वर्ल्ड कप में उनका स्ट्राइक रेट 127.8 का रहा है. रोहित के बल्ले से 9 बार अर्धशतक निकले हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 79 रन है. उन्होंने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में 16 गेंदों में 30 रनों की यादगार पारी खेलकर टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
11 हजार से अधिक रन टी20 में बना चुके हैं रोहित शर्मा
रोहित शर्मा टी-20 क्रिकेट में अपनी पॉवर हिटिंग के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अब तक टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में 151 मैच खेले हैं और 31.7 की औसत से 3974 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 139.97 की स्ट्राइक रेट से गेंदबाजों पर हमला बोला है. रोहित ने इस फॉर्मेट में 29 अर्धशतक जड़े हैं, तो 5 बार शतक का आंकड़ा भी छुआ है. टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड भी रोहित के नाम ही है. उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 121 रन है. जबकि सभी तरह के टी20 मैच मिलाकर देखा जाए तो रोहित के नाम 440 टी20 मैचों में आठ शतक सहित 11573 रन दर्ज हैं.
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