विराट कोहली ने स्वीकार किया है कि हाल ही में हुए टी20 विश्व कप में भारत के चैंपियन बनने के बाद उनका अहंकार उन पर हावी हो गया था. कोहली अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे और लगातार कम स्कोर पर आउट हो रहे थे, जबकि साथी सलामी बल्लेबाज और टीम के कप्तान रोहित शर्मा लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. पीएम मोदी ने गुरुवार सुबह अपने आधिकारिक आवास पर भारत की वर्ल्ड कप विजेता टीम को आमंत्रित किया था. इस दौरान विराट कोहली ने अहम बयान दिया.
कोहली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की. कोहली ने कहा, "सबसे पहले, हमें आमंत्रित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद." "यह दिन (टी20 विश्व कप फाइनल) हमेशा मेरे साथ रहेगा क्योंकि पूरे टूर्नामेंट के दौरान मैं उस लेवल पर अपना बेस्ट नहीं दे पाया जो मैं देना चाहता था.
राहुल भाई ने दिया आत्मविश्वास
विराट ने आगे कहा, "एक समय ऐसा भी था जब मैंने राहुल भाई से कहा कि मैं अभी तक अपने और टीम के साथ न्याय नहीं कर रहा हूं. उन्होंने मुझे जवाब दिया और कहा कि 'मुझे विश्वास है कि तुम अच्छा प्रदर्शन करोगे'. इसलिए जिस तरह का टूर्नामेंट मेरे लिए था, मुझे विश्वास नहीं था कि मैं फाइनल के दौरान अपनी इच्छानुसार बल्लेबाजी कर पाऊंगा." कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 विश्व कप के फाइनल के दौरान रोहित के साथ हुई बातचीत का खुलासा किया, जब उन्होंने मार्को यानसेन के जरिए फेंके गए मैच के पहले ही ओवर में तीन चौके लगाए थे.
विराट ने कहा कि, जब मैंने चार गेंदों में तीन चौके लगाए तो मैंने रोहित से कहा कि 'यह कैसा खेल है! एक दिन आपको ऐसा लगता है कि आप एक भी रन नहीं बना पा रहे हैं और फिर एक दिन ऐसा आता है जब सब कुछ ठीक होने लगता है. इसलिए, जब हमने तीन विकेट खो दिए तो मुझे सबकुछ संभालना था. मैं केवल इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा था कि टीम के लिए क्या महत्वपूर्ण है.
मेरा अहंकर मुझपर भारी हो गया था
विराट ने फाइनल को लेकर भी बात की और कहा कि, हम यह नहीं बता सकते कि हमारे दिमाग में क्या चल रहा था. एक समय पर हम उम्मीद खो चुके थे, फिर हार्दिक ने वह विकेट (हेनरी क्लासेन का) लिया. फिर हम हर गेंद पर लय में आ गए. मुझे इस बड़े अवसर पर योगदान देने की खुशी है. मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा.'' कोहली ने खुलासा किया कि उन्हें एहसास हुआ कि उनका अहंकार हावी हो गया है और उन्हें टीम के फायदे के लिए इसे किनारे रखना होगा. उन्होंने कहा, "मुझे एहसास हुआ कि जब आपको लगता है कि आप कुछ भी कर सकते हैं, तो आपका अहंकार हावी हो जाता है और खेल आपसे दूर हो जाता है. मुझे अपना अहंकार किनारे रखना पड़ा. स्थिति ऐसी थी कि मुझे टीम के लिए अपना अभिमान किनारे रखना पड़ा. जब आप खेल का सम्मान करते हैं, तो खेल आपका सम्मान करता है. इसलिए मैंने यही अनुभव किया."
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