हार्दिक पंड्या: वो हीरा जो टीम इंडिया को दोबारा बनाएगा टी20 वर्ल्ड कप का बादशाह!

हार्दिक पंड्या: वो हीरा जो टीम इंडिया को दोबारा बनाएगा टी20 वर्ल्ड कप का बादशाह!

हार्दिक पंड्या एक ऐसा नाम जो भारतीय क्रिकेट में जब पहली बार सुना और देखा गया तो उसे उसके खेल के बजाए रहन-सहन और बिंदास अंदाज के लिए आलोचनाओं की कसौटी पर जांचा गया. एक नाकामी को 10 कामयाबियों से ज्यादा सुर्खियां दी गईं. लेकिन देश की हीरा नगरी से निकले हार्दिक नाम के हीरे ने कमियां गिनाने वालों से बेपरवाह होकर अपने अंदाज को जारी रखा. जो किया उसे पूरे मन से किया. फिर चाहे क्रिकेट के मैदान पर टीम के लिए जान लड़ानी हो या टैटू, महंगी घड़ियों और कारों जैसे बचपन की चाहतों को पूरा करना.

अब हार्दिक पहले जैसे बिंदास, बेपरवाह नहीं रहते है बल्कि शांत, ठहरे और परिपक्व शख्स बन चुके हैं. खुद पिता बनने और पिता को खो देने के बाद हार्दिक एक बदले हुए इंसान लगते हैं. अक्टूबर 2022 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टी20 वर्ल्ड कप का आगाज होगा. पहली बार के चैंपियन भारत को अगर दोबारा ट्रॉफी उठाना है तो उसे जो सफलता की मशीन चाहिए हार्दिक उसकी अहम कड़ी हैं. ये बात हार्दिक भी जानते हैं.

हार्दिक पंड्या ने बचपन में सब कुछ देखा. पिता का कारोबार एक समय फलफूल रहा था. फिर उसमें गिरावट हुई. परिवार एक-एक पैसे को खर्च करने के लिए कई-कई बार सोचता था. बेटे नूडल्स खा-खाकर खेलते और रन बरसाते तो कभी विकेट चटकाते. लेकिन हिमांशु पंड्या (हार्दिक के पिता) ने बेटों को सफल बनाने के लिए बिजनेस छोड़ दिया. शहर छोड़ दिया लेकिन बेटों की मदद और उन्हें सपोर्ट करने का जज्बा नहीं छोड़ा. जिस कोच के पास क्रुणाल जाते थे उसने हार्दिक को भी खेलने को कहा. कहते हैं कि कई सरस्वती जुबान पर ही बैठी होती हैं. हार्दिक को जब कोच ने खेलने को कहा होगा तब भी शायद सरस्वती उनकी जुबान पर ही थी. नतीजा है कि हार्दिक आज भारत ही नहीं दुनिया के टॉप क्लास क्रिकेटर हैं.

9वीं के बाद पढ़ाई का बस्ता दूर, क्रिकेट किट पास
हार्दिक का जब क्रिकेट में मन लगा तो ऐसा लगा कि पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी. नौवीं के बाद पढ़ाई के बस्ते की जगह क्रिकेट की किट कंधों पर हमेशा के लिए सवार हो गई. लोकल टूर्नामेंट में खेलते-खेलते नाम कमाया. लेकिन अपने मस्तमौला और डूबकर खेलने की वजह से कोच के निशाने पर आए. टीम से निकाल दिए गए. पर काबिलियत कब तक दबी रह सकती है. मौके मिल ही गए. 18 साल की उम्र तक लेग स्पिन बॉलिंग की. फिर एक दिन टीम में जब पेसर नहीं थे तो कोच ने तेज फेंकने को कहा. हार्दिक ने पांच विकेट ले लिए. तब से एक नई विधा उनके पास आ गई. आगे चलकर किरण मोरे (भारत के पूर्व कीपर और सेलेक्टर) की सोहबत ने हार्दिक के खेल में अलग ही रंग जोड़ दिया.

 

10 लाख से आईपीएल का खुला खाता
धीरे-धीरे हार्दिक क्लब लेवल से घरेलू क्रिकेट के टूर्नामेंट में दाखिल हुए और फिर बड़ौदा क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गए. 17 मार्च 2013 को मुंबई के खिलाफ बड़ौदा के लिए टी20 क्रिकेट के जरिए डेब्यू किया. तब से अब तक 209 मैच इस फॉर्मेट में खेल चुके हैं और 3720 रन बनाने के साथ ही 130 विकेट ले चुके हैं. घरेलू क्रिकेट में तूफानी ऑलराउंड खेल के बूते हार्दिक ने आईपीएल टीमों का ध्यान खींचा. मुंबई इंडियंस के स्काउट को उनका खेल पसंद आया. 10 लाख रुपये में वे आईपीएल 2015 से ठीक पहले मुंबई इंडियंस का हिस्सा बन गए.

 

2016 में टीम इंडिया से बुलावा
2021 तक इस टीम का हिस्सा रहे. जब अलग हुए और गुजरात टाइंटस से जुड़े तो उन्हें 15 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि मिली. यानी सात साल के अंदर 10 लाख से 15 करोड़ का सफर पूरा किया. 2016 में भारतीय टीम का हिस्सा बने. पहला मैच टी20 फॉर्मेट का रहा और सामने वो देश था जिसे अब टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करनी है. तब से लगातार टीम के साथ हैं. टीम इंडिया के लिए टी20 के साथ ही वनडे और टेस्ट भी खेलने लगे. हर फॉर्मेट की टीम के अहम हिस्सा.

 

लेकिन कामयाबी के रास्ते में ब्रेकर भी आते हैं. भारत में हैं तो गड्ढे भी मिलते हैं. हार्दिक के साथ भी ऐसा हुआ. 2018 में एशिया कप के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में गंभीर चोट लगी और स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर ले जाए गए. 2019 में एक चैट शो में की गई टिप्पणियों के चलते बदनाम हुए. बैन हुए. टीम इंडिया से बाहर कर दिए गए.

 

अब समय पुराने घावों को भरने का
2021 टी20 वर्ल्ड कप से पहले फिर चोट ने डेरा डाल लिया. बॉलिंग छोड़नी पड़ी. वर्ल्ड कप में भारत फिसला तो हार्दिक पर खूब सवाल उठे. बहुत से लोगों ने चूका हुआ करार दे  दिया. लेकिन वो इंसान ही क्या जो दिक्कतों से डर कर बैठ जाए. या हार मान लें. हार्दिक ने इन सबसे खुद को दूर किया और क्रिकेट के जरिए साबित किया.वे आज भारत के नंबर वन ऑलराउंडर हैं. फिर से बॉलिंग का जिम्मा उठाया. आईपीएल में कप्तान बने और पहली बार में ही ट्रॉफी जीत ली. अब मौका है पिछले अधूरे काम यानी टी20 वर्ल्ड कप में चमकने और भारत को चैंपियन बनाने का.

 

आंकड़ेबाजी
उम्र- 28 साल

भूमिका- दाएं हाथ के बल्लेबाज और तेज गेंदबाज
टेस्ट-11, रन- 532, विकेट-17
वनडे-66, रन- 1386, विकेट-63
टी20- 73, रन- 989, विकेट-54