IND vs PAK: हार्दिक पंड्या पिता को याद कर रो पड़े, बोले-हमारे लिए उन्होंने सब छोड़ा,वो मैं नहीं कर सकता

IND vs PAK: हार्दिक पंड्या पिता को याद कर रो पड़े, बोले-हमारे लिए उन्होंने सब छोड़ा,वो मैं नहीं कर सकता

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने के बाद भावुक हो गए. मैच के बाद उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता को याद किया और उनकी कुर्बानियों का जिक्र करते हुए रो पड़े. उन्होंने बताया कि किस तरह से उनके पिता अपने बेटों का सपना पूरा करने के लिए दूसरे शहर आ गए थे. पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप के पहले मैच में भारतीय जीत के नायक विराट कोहली रहे जिन्होंने नाबाद 82 रन की पारी खेली लेकिन वह हार्दिक थे जिन्होंने उनका पूरा साथ दिया. हार्दिक ने 40 रन बनाए और कोहली के साथ शतकीय साझेदारी निभाई. साथ ही हार्दिक ने बॉलिंग में तीन विकेट चटकाए.

 

हार्दिक ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘मैं केवल अपने पिताजी के बारे में सोच रहा था. मैं अपने पिता के लिए नहीं रोया था. मैं अपने बेटे को प्यार करता हूं लेकिन मैं जानता हूं क्या मैं वह कर पाऊंगा जो मेरे पिताजी ने मेरे लिए किया था. वह अपने साढ़े छह साल के बच्चे का सपना पूरा करने के लिए दूसरे शहर आ गए थे. उन्हें नहीं पता था कि जहां आज मैं हूं वहां पहुंच पाऊंगा. इसलिए यह पारी उनके लिए है.’

 

 

उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा. यदि उन्होंने मुझे मौका नहीं दिया होता तो मैं आज यहां खड़ा नहीं होता. उन्होंने बहुत बलिदान दिए. वह अपने बच्चों की खातिर दूसरे शहर में बस गए. मैं तब छह साल का था और और वह दूसरे शहर में बस गए और वहीं उन्होंने व्यवसाय किया. यह बहुत बड़ी बात है.’ हार्दिक जब यह बता रहे थे तब उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे. उनकी बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी शेयर किया गया.

 

 

'पता नहीं था क्या फ्यूचर होगा'

हार्दिक पंड्या ने यह माना कि कुछ साल पहले उन्हें कोई अंदाजा नहीं था कि उनका भविष्य क्या होगा लेकिन एक बार असफलता का भय निकल गया तो उन्हें अपना यह अंदाज पसंद आने लगा. गेंदबाजी फिटनेस हासिल करने के लिये रिहैबिलिटेशन करने के बाद उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और नई टीम गुजरात टाइटन्स को इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब दिलाया और भारत के लिये कुछ महत्वपूर्ण हरफनमौला प्रदर्शन किया.

 

 

पंड्या से जब पीटीआई ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘ऐसा भी समय था जब मैं नहीं जानता था कि हार्दिक के लिये अगली चीज क्या है. इसलिये मुझे अपनी सोचने की प्रक्रिया में काफी शामिल होना पड़ा और फिर मैंने खुद से पूछा, ‘आप जिंदगी से क्या चाहते हो?’ मैंने असफलता का डर निकाल दिया और आगे क्या होने वाला है या फिर नतीजा क्या होगा, इससे परेशान नहीं होता कि लोग क्या कहेंगे लेकिन मैं लोगों की राय का सम्मान करता.’