मोहम्मद नबी ने छोड़ी अफगानिस्तान की कप्तानी, T20 World Cup में फिसड्डी रहने पर लिया फैसला

मोहम्मद नबी ने छोड़ी अफगानिस्तान की कप्तानी, T20 World Cup में फिसड्डी रहने पर लिया फैसला

मोहम्मद नबी ने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़ दी है. उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2022 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों ग्रुप स्टेज के आखिरी मुकाबले में हार के साथ ही कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. इस वर्ल्ड कप में अफगान टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई. इससे यह टीम ग्रुप 1 में सबसे नीचे रही. मोहम्मद नबी में कप्तानी से इस्तीफा देते हुए कई संगीन आरोप भी लगाए. उन्होंने टीम की तैयारियों से लेकर सेलेक्शन तक पर असंतोष जताया.

 

मोहम्मद नबी ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की और कप्तानी छोड़ने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनकी टीम का वर्ल्ड कप में सफर समाप्त हो गया. जिस तरह का नतीजा रहा है उसकी उन्हें व समर्थकों को उम्मीद नहीं थी. मैचों के नतीजों से सब नाराज हैं. उन्होंने लिखा, 'पिछले एक साल से हमारी टीम की तैयारियां उस लेवल की नहीं थी जो एक कप्तान को पसंद आती है या बड़े टूर्नामेंट के लिए चाहिए होती है. साथ ही पिछले कुछ दौरों पर टीम मैनेजमेंट, सेलेक्शन कमिटी और मैं एक पेज पर नहीं थे जिससे टीम के संतुलन पर असर पड़ा. इसलिए पूरे सम्मान के साथ मैं तुरंत प्रभाव से कप्तान के पद से हटने की घोषणा करता हूं और जब भी मैनेजेमेंट व टीम को जरूरत होगी तब मेरे देश के लिए खेलूंगा.'

 

 

अफगानिस्तान को इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के हाथों पहले मुकाबले में हार झेलनी पड़ी थी. हालांकि उन्होंने अपने आखिरी दो मैचों में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमाल का खेल दिखाया लेकिन जीत उनसे दूर रह गई. अफगानिस्तान को मौसम का साथ भी नहीं मिला. वह इकलौती टीम रही इस टूर्नामेंट में जिसके दो मैच बारिश ने धो दिए. आयरलैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम के मैच धुल गए. इससे उसे खेलने और मुकाबला करने तक का मौका भी नहीं मिल पाया.

 

2021 में दोबारा बने थे कप्तान

37 साल के मोहम्मद नबी 2021 टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले अफगानिस्तान के कप्तान बने थे. उनसे पहले राशिद खान को कप्तानी दी गई थी लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी आधे घंटे के अंदर छोड़ दी थी. नबी के इस कार्यकाल में अफगानिस्तान ने 23 मैच पूरे खेले. इनमें 10 में जीत और 13 हार मिली. नबी पहले भी अफगानिस्तान के कप्तान रह चुके हैं. 2010 में उन्होंने नवरोज मंगल की जगह ली थी.