टी20 वर्ल्ड कप 2022 का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में होना है. पहले राउंड में आठ टीमों के बीच सुपर-12 में जगह बनाने के लिए मुकाबला होगा. इन्हीं आठ टीमों में से एक है स्कॉटलैंड.अभी तक तीन टी20 वर्ल्ड कप खेल चुकी इस टीम की गिनती क्रिकेट की कमजोर टीमों में होती है. लेकिन पिछले करीब 30 सालों में लगातार इस टीम ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. इंग्लैंड से अलग होकर अपना अलग क्रिकेट बोर्ड बनाने के बाद से यह टीम लगातार खेल रही है और द्विपक्षीय सीरीज के साथ ही आईसीसी इवेंट्स का हिस्सा भी बन रही है. लेकिन क्या है स्कॉटलैंड क्रिकेट की कहानी और कैसे यहां यह खेल फैला.
स्कॉटलैंड बहुत सारे मायनों में ब्रिटेन का हिस्सा है लेकिन कुछ जगहों पर इसकी अलग पहचान है. क्रिकेट में भी उसकी अलग पहचान है. लेकिन बहुत पहले ऐसा नहीं था. साल 1992 तक वह इंग्लैंड बोर्ड का हिस्सा था.उसके खिलाड़ी इस बोर्ड के तहत ही थे. लेकिन फिर अलगाव हो गया. 1994 में आईसीसी ने स्कॉटलैंड को एसोसिएट मेंबर के तौर पर मान्यता दे दी. लेकिन क्रिकेट 18वीं सदी से ही स्कॉटलैंड में रचा-बसा रहा है. 1785 में यहां पहला रिकॉर्डेड मैच खेला गया. इसके करीब 80 साल बाद यानी 1865 में स्कॉटलैंड की नेशनल टीम ने पहला मैच इंग्लिश काउंटी टीम सर्रे के खिलाफ खेला और 172 रन से जीता.
'92 में तोड़ा इंग्लैंड से नाता
अब तक खेले 4 वर्ल्ड कप
स्कॉटलैंड ने वर्ल्ड क्रिकेट लीग के फाइनल तक पहुंचकर 2007 में हुए पहले वर्ल्ड टी20 के लिए क्वालिफाई किया. वह भारत और पाकिस्तान के ग्रुप में था. भारत से उसका मैच बारिश के चलते नहीं हो पाया तो पाकिस्तान ने उसे हरा दिया. इसके बाद स्कॉटलैंड ने 2009, 2016 और 2021 टी20 वर्ल्ड कप खेले. इन टूर्नामेंट में उसने कुल 15 मैच खेले और चार जीते बाकी 10 गंवा दिए. अभी तक स्कॉटलैंड ने 80 टी20 मुकाबले खेले हैं और 34 जीते व 42 हारे हैं. यह टीम टी20 फॉर्मेट में अभी तक बड़े देशों में तीन बार आयरलैंड, दो बार बांग्लादेश और एक बार जिम्बाब्वे को ही हरा पाई है.
स्कॉटलैंड के बड़े खिलाड़ी
काइल कोएत्जर
रिची बेरिंगटन
केलम मैक्लॉएड
प्रेस्टन मॉमसन
जॉश डेवी
साफयान शरीफ