टीम इंडिया (Team India) के लिए पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबले में जीत के साथ टी वर्ल्ड कप 2022 (World Cup 2022) का आगाज तो शानदार हो गया है, लेकिन इस मैच में जो नो-बॉल के विवाद ने जन्म लिया वह अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कोई न कोई इस मामले पर अपना पक्ष रखता हुआ नज़र आ ही जा रहा है. अब इसी फेहरिस्त में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी भी शामिल हो गए हैं. शाहिद ने पूरे विवाद में ऑन-फील्ड अंपायर्स को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने ऑन-फील्ड अंपायरों पर थर्ड अंपायर से सलाह किए बिना नवाज की गेंद को नो-बॉल देने का आरोप लगाया.
पाकिस्तान की तरफ से पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने थर्ड अंपायर से सलाह न लेने और तुरंत फैसला देने के लिए मैदानी अंपायरों को आड़े हाथों लिया. अफरीदी ने इस मैच पर चर्चा करते हुए एक बातचीत में कहा, 'क्रिकेट में जब से थर्ड अंपायर का रोल आया है उसके बाद से आमतौर पर रन आउट जैसे तमाम मामलों पर ऑन-फील्ड अंपायर बस थर्ड अंपायर के लिए सिग्नल कर देते हैं. उस वक्त वह एक महत्वपूर्ण स्थिति है, वहां पर अगर थर्ड अंपायर को रेफर कर देते हैं तो वो आपको सही फैसला बताता है. लेकिन उन्होंने तुरंत नो-बॉल दे दी... इतनी कोई ईगल आंखें नहीं है आपकी.... आप थर्ड अंपायर को रेफर कर सकते हैं.'
अंतिम ओवर में पलटा था मैच
भारत को मैच जीतने के लिए अंतिम ओवर में आखिरी 3 गेंदों पर 13 रन चाहिए थे. विराट कोहली अच्छी पारी खेलते हुए क्रीज पर मौजूद थे. लेकिन मोहम्मद नवाज ने तीसरी गेंद कमर की ऊंचाई से ऊपर फेंक दी, जिस पर विराट कोहली ने छक्का लगा दिया. हालांकि कोहली ने तो गेंद को मारते ही नो-बॉल की पुष्टि के लिए इशारा कर दिया था, जिसके बाद अंपायरों ने आपस में चर्चा की और फिर इसे नो-बॉल करार दिया. फिर क्या था यही नो-बॉल मैच का टर्निंग प्वाइंट्स साबित हुआ.
क्या कहते हैं ICC के नियम ?
आईसीसी के नियमों के मुताबिक, यदि गेंद बल्लेबाज की कमर से ऊपर है तो नो बॉल करार दी जाएगी. नियम के मुताबिक, कोई भी डिलीवरी जो बिना पिचिंग के पॉपिंग क्रीज पर सीधे खड़े स्ट्राइकर की कमर की ऊंचाई से गुजरती है तो यह नो बॉल होगी. इसका तेज या धीमी गति की गेंद से कोई कनेक्शन नहीं है. पहले धीमी गति का गेंदबाज अगर कमर से ऊपर बॉल डालता तो वह नो बॉल नहीं रहती थी.