Exclusive: शिखर धवन ने शायराना अंदाज़ से समां बांधा, बोले- जितना दिया सरकार ने मुझको, इतनी मेरी औक़ात नहीं...

Exclusive: शिखर धवन ने शायराना अंदाज़ से समां बांधा, बोले- जितना दिया सरकार ने मुझको, इतनी मेरी औक़ात नहीं...

शिखर धवन टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन वे जल्द ही न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय वनडे टीम की कप्तानी संभालने वाले हैं. उनकी नज़रें अगले साल होने वाले 50 ओवर वर्ल्ड कप के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने पर है. हालिया समय में शिखर धवन मस्तीभरे अंदाज और शेरो-शायरी करते दिखे हैं. 5 नवंबर को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave) में उन्होंने अपनी शख्सियत के इस पहलू से सबको रूबरू कराया.

 

उन्होंने क्रिकेट से जुड़े कई सवालों के खुलकर जवाब दिए. इनमें विराट कोहली (Virat Kohli) की फॉर्म से लेकर अर्शदीप सिंह (arshdeep singh) की शानदार गेंदबाजी तक धवन ने हर विषय पर अपनी राय रखी. उनसे Thigh Five के बारे में भी पूछा गया. इसका राज भी उन्होंने बताया और कुछ शेर सुनाए.

 

शिखर ने शायरी से बांधा समां
सोशल मीडिया पर शिखर धवन को कई बार शेर सुनाते और कविताएं कहते सुना है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर भी उनका यह अंदाज दिखा. शिखर ने यहां शुरुआत राहत इंदौरी की पंक्तियों के साथ की-

 

काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं,
और हम कुछ नहीं करते हैं ग़ज़ब करते हैं।।

 

फिर उन्होंने मौलान कौसर नियाजी की लिखी कवाल्ली का एक हिस्सा सुनाया जो इस तरह था-

 

जितना दिया सरकार ने मुझको, इतनी मेरी औक़ात नहीं, 
ये तो करम है‌ उनका वर्ना, मुझ में तो ऐसी बात नहीं।।

 

 

अर्शदीप पर क्या बोले धवन

इसके बाद शिखर धवन ने टीम इंडिया के उभरते हुए बॉलर अर्शदीप सिंह की गेंदबाजी पर बात की. उन्होंने कहा, “अर्शदीप एक मैच विनर हैं. पिछला मैच उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ जिताया भी था. इसके पीछे उनका आत्मविश्वास काम करता है. जरूरी नहीं कि एक खिलाड़ी ज्यादा उम्र होने पर ही समझदार हो, आप कम उम्र में भी समझदार हो सकते हैं.”

 

शिखर ने कहां से सीखा Thigh Five
जब शिखर से उनके खास सेलिब्रेशन Thigh Five के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं जब भी कबड्डी देखता था तो उसमें रेडर प्वॉइंट लाने के बाद इस तरह से करता था. यह देखकर मैंने भी काफी कनेक्टेड महसूस किया, फिर उसके बाद सभी को यह पसन्द आ गया और फैंस भी मुझे ऐसा करने के लिए बोलते थे."