ऑस्ट्रेलिया ने टी20 वर्ल्ड कप के लिए उठाया जोखिम, फॉर्म की लालच में लिया ऑलराउंडर, अब हुई कीपर की कमी

ऑस्ट्रेलिया ने टी20 वर्ल्ड कप के लिए उठाया जोखिम, फॉर्म की लालच में लिया ऑलराउंडर, अब हुई कीपर की कमी

कप्तान एरॉन फिंच का कहना है कि टी20 विश्व कप अभियान के लिये बैक-अप विकेटकीपर के बजाय ऑल राउंडर कैमरन ग्रीन का चयन कर गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने जोखिम लिया है. ग्रीन को गुरुवार (20 अक्टूबर) को चोटिल रिजर्व विकेटकीपर बल्लेबाज जोश इंग्लिस की जगह ऑस्ट्रेलिया की टी20 टीम में शामिल किया गया. फिंच ने टीम के न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हमने जोखिम लिया है कि अतिरिक्त विकेटकीपर को नहीं लिया जिसमें निश्चित रूप से थोड़ा जोखिम शामिल है लेकिन हमें लगता है कि हालांकि कैम (ग्रीन) हमें टीम में थोड़ा बेहतर संतुलन देगा.’

उन्होंने हालांकि कहा कि ग्रीन को बतौर ‘कवर’ रखा गया है और वह शनिवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरुआती मैच में नहीं खेलेंगे. इस फैसले के पीछे कारणों के बारे में पूछने पर फिंच ने कहा, ‘हमने कुछ आंकड़ें देखे और मुझे लगता है कि टी20 क्रिकेट में बीते समय में 0.5 प्रतिशत ही ऐसा मौका आया है जब विकेटकीपर मैच के दिन बाहर हुआ है. हमें लगता है कि हालांकि अगर मैच से पहले कुछ होता है और इससे वह टूर्नामेंट से बाहर हो जाता है जैसे ट्रेनिंग के दौरान तो तब भी इससे निपटने के लिये काफी समय रहेगा. इसके पीछे यही कारण था.’

वॉर्नर को करनी पड़ेगी कीपिंग
फिंच ने कहा, ‘यह निश्चित रूप से जोखिम है, इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन हम एक तेज गेंदबाज, बल्लेबाज और एक ऑल राउंडर को कवर करने की तुलना में शायद इस जोखिम को लेने के लिये तैयार हैं.’ फिंच ने यह भी कहा कि अगर मैथ्यू वेड चोटिल हो जाते हैं तो डेविड वॉर्नर के विकेटकीपर की भूमिका निभाने की संभावना है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि शायद डेवी वॉर्नर. उसने कल थोड़ा अभ्यास किया था. शायद मैं भी ऐसा कर सकता. शायद कप्तानी करना और विकेटकीपर करना थोड़ा मुश्किल होता है, जब आपने ऐसा पहले नहीं किया हो. ’

 

ऑस्ट्रेलिया का घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा रिकॉर्ड है लेकिन फिंच ने कहा कि बीते प्रदर्शन की कोई अहमियत नहीं है. फिंच ने कहा, ‘उनका पिछले पांच या छह विश्व कप में रिकॉर्ड अविश्वसनीय रहा है. उनकी टीम शानदार है जिसमें अनुभव और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है. उनके पास अंतिम 11 या पूरे 15 खिलाड़ियों तक विश्व स्तरीय प्रतिभा मौजूद है.’