ऑस्‍ट्रेलिया पहली बार टी20 वर्ल्‍ड चैंपियन, 11 हजार किमी की दूरी और 5110 दिन का इंतजार खत्‍म

ऑस्‍ट्रेलिया पहली बार टी20 वर्ल्‍ड चैंपियन, 11 हजार किमी की दूरी और 5110 दिन का इंतजार खत्‍म

नई दिल्‍ली. इंतजार जरूर करना पड़ा, लेकिन दुनिया को अब टी20 क्रिकेट का नया वर्ल्‍ड चैंपियन मिल गया है. ये सेहरा सजा है ऑस्‍ट्रेलिया के सिर और टूटे दिल के साथ आंसुओं में भीगने वाली टीम न्‍यूजीलैंड की है. पिछली वर्ल्‍ड चैंपियन 2016 में वेस्‍टइंडीज की टीम बनी थी. दुबई के स्‍टेडियम में ये इतिहास 14 नवंबर की रात दस बजकर 53 मिनट पर रचा गया. एरॉन फिंच की टीम की जीत का अंतर 8 विकेट और खिताब का इंतजार 11 हजार किलोमीटर व 14 साल यानी 5110 दिन का रहा. वो इसलिए क्‍योंकि 2007 में जब फटाफट क्रिकेट के वर्ल्‍ड कप की शुरुआत हुई थी जब उसका खिताबी मुकाबला दुबई से 11 हजार किलोमीटर दूर साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में खेला गया था. तब से लेकर अब तक पांच टीमें टी20 विश्‍व चैंपियन बन गई थीं. ऑस्‍ट्रेलिया का इंतजार तो अब जाकर खत्‍म हुआ है. 

 

हीरो: मिचेल मार्श से लेकर डेविड वॉर्नर तक

ऑस्‍ट्रेलिया की इस जीत को मुमकिन मिचेल मार्श ने बनाया जिन्‍होंने सबसे अहम मुकाबले में 50 गेंदों पर नाबाद 77 रनों की बेधड़क पारी खेली. जिसमें 6 चौके और चार छक्‍के भी शामिल रहे. ये जीत ओपनर डेविड वॉर्नर के बिना भी अधूरी थी जिनके बल्‍ले से टूर्नामेंट का तीसरा अर्धशतक निकला. 38 गेंदों की इस पारी में 4 चौकों और 3 छक्‍कों की मदद से 53 रन बने. बची कसर 18 गेंदों पर खेली गई ग्‍लेन मैक्‍सवेल की 28 रनों की पारी ने पूरी कर दी. इस तरह न्‍यूजीलैंड से मिला 173 रनों का लक्ष्‍य सिर्फ 18.5 ओवर में ही हासिल हो गया. और इसी के साथ ऑस्‍ट्रेलिया ने अपनी आठवीं आईसीसी ट्रॉफी जीती. 

 

छठा टी20 वर्ल्‍ड चैंपियन
2007 से लेकर 2021 तक कुल सात बार टी20 वर्ल्‍ड कप खेला गया है और ऑस्‍ट्रेलिया इस टूर्नामेंट को जीतने वाली छठी टीम बनी है. वेस्‍टइंडीज के नाम दो विश्‍व खिताब हैं. 2007 में सबसे पहला खिताब भारत के नाम रहा था, जिसके बाद 2009 का वर्ल्‍ड कप पाकिस्‍तान और 2010 का खिताब इंग्‍लैंड ने अपने नाम किया. वेस्‍टइंडीज की टीम ने 2012 में खिताबी जीत हासिल की. साल 2014 में टी20 वर्ल्‍ड कप की चमचमाती ट्रॉफी श्रीलंका ने अपने नाम की. इसके बाद 2016 का विश्‍व चैंपियन एक बार फिर वेस्‍टइंडीज बना. और अब ऑस्‍ट्रेलिया ने ये टूर्नामेंट जीत इतिहास रचा. 

 

न्‍यूजीलैंड की शुरुआत रेड अलर्ट के साथ 
टॉस हारना किसी भी टीम के लिए सदमे की तरह है. न्‍यूजीलैंड के लिए भी शायद ऐसा ही कुछ रहा. तभी तो 3.5 ओवर में 28 रनों के स्‍कोर पर ही इंग्‍लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल के हीरो डैरिल मिचेल पवेलियन लौट गए. मिचेल 8 गेंदों में 11 रनों के स्‍कोर पर जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर मैथ्‍यू वेड को कैच दे बैठे. अब कप्‍तान केन विलियमसन ओपनर मार्टिन गप्टिल का साथ देने उतरे. दोनों ने पारी तो संभाली लेकिन रफ्तार के मामले में ये जोड़ी पीछे ही रही. यही वजह रही कि पावरप्‍ले के 6 ओवरों में टीम का स्‍कोर 32 रनों पर एक विकेट था. और जब लग रहा था कि ये जोड़ी तेजी पकड़ेगी तभी 12वें ओवर की पहली गेंद पर गप्टिल आउट हो गए. तब टीम का स्‍कोर 76 रन था. गप्टिल ने अपनी 28 रनों की धीमी पारी के लिए 35 गेंदें खेलीं.

 

कीवी कप्‍तान केन का करिश्‍मा 
अब न्‍यूजीलैंड के कप्‍तान केन विलियमसन अच्‍छी तरह पिच और ऑस्‍ट्रेलियाई गेंदबाजी का मिजाज भांप चुके थे. शुरुआती 21 गेंदों में 21 रन बनाने वाले विलियमसन ने अगले 64 रनों के लिए सिर्फ 27 गेंदों का सामना किया. उन्होंने 11वें ओवर में मिचेल स्टार्क की गेंदों पर 19 रन जड़कर दबाव कम किया. इसी ओवर में जोश हेजलवुड ने उनका कैच भी छोड़ा. तब केन 21 रनों पर थे. लेकिन इसके बाद केन का कमाल हर किसी के दिल में जगह बना गया.  विलियमसन टी20 विश्व कप फाइनल में सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले कप्तान बन गए जिन्होंने श्रीलंका के कुमार संगकारा को पछाड़ा. वहीं फाइनल में सबसे ज्‍यादा स्‍कोर करने के मामले में केन ने वेस्‍टइंडीज के मार्लोन सैमुअल्‍स की बराबरी की जिन्‍होंने 2016 के सीजन में इंग्‍लैंड के खिलाफ 85 रनों की पारी खेली थी.

 

स्‍टार्क की कुटाई और हेजलवुड का कहर 
ऑस्‍ट्रेलियाई गेंदबाजी की बात करें तो सिर्फ दो ही नाम चर्चा में रहे. एक अच्‍छी वजह से और दूसरा खराब कारणों से. मिचेल स्‍टार्क के नाम रन लुटाने का अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हुआ तो जोश हेजलवुड ने साल 2007 के टी20 वर्ल्‍ड कप फाइनल में भारतीय गेंदबाज इरफान पठान की सर्वश्रेष्‍ठ गेंदबाजी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली. ये रिकॉर्ड खिताबी मुकाबले में चार ओवरों में 16 रन देकर तीन विकेट लेने का था. वहीं मिचेल स्‍टार्क ने 4 ओवर में 60 रन लुटाए. इनमें से 39 रन तो उनसे न्‍यूजीलैंड के कप्‍तान केन विलियमसन ने वसूल लिए. स्टार्क का दूसरा ओवर जहां खराब रहा तो तीसरा ओवर और भी बदतर था जिसमें न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने चार चौकों और एक छक्के के साथ 24 रन ले डाले.