जेमिमा रॉड्रिग्स वह नाम है जिन्होंने महिला वर्ल्ड कप 2025 के विजयी अभियान में भारत के लिए अहम मोड़ पर ऐसी पारी खेली जिसने न केवल टीम बल्कि पूरे देश में जोश फूंक दिया था. उन्होंने मेंटल हेल्थ से लड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 127 रन की नाबाद शतकीय पारी खेली. इससे भारत ने तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई और फिर साउथ अफ्रीका को हराकर खिताब जीता. खिताबी मुकाबले के बाद जेमिमा रॉड्रिग्स ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईश्वर ने उनके लिए यह सब तय किया था.
महिला वर्ल्ड कप फाइनल में भारत से मिले 299 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम एक समय अच्छी स्थिति में थी. कप्तान लॉरा वूलवार्ट और एनेरी डर्कसन मिलकर अच्छी बैटिंग कर रही थी और टीम को 200 के पार ले गए. तब एकबारगी भारतीय फैंस में खलबली मची कि कहीं बाजी पलट न जाए. इस बारे में पूछे जाने पर रॉड्रिग्स ने कहा कि टीम में भरोसा था कि कुछ भी हो जाए यह मैच जीतना है. उन्होंने बताया, 'हमें पता है कि साउथ अफ्रीका जैसी टीम को हल्के में नहीं ले सकते. ऐसे मुकाबले रहे हैं जहां पर वे हमसे बेहतर साबित हुए हैं. पहली पारी के बाद ड्रेसिंग रूम में हमारी बात हुई थी कि यह हमारा पल है, यह हमारा समय है. हमें एक दूसरे के लिए जीतना है. हम इसके लिए जान दे देंगे. जीतकर आऊंगा पर हार नहीं मानूंगी. वही हुआ.'
जेमिमा रॉड्रिग्स ने मेंटल हेल्थ पर क्या संदेश दिया
जेमिमा ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धमाकेदार पारी खेलने के बाद बताया था कि किस तरह वह पूरे टूर्नामेंट में रोते हुए खेल रही थी. जब इंग्लैंड के सामने मैच में बाहर किया गया तो उन्हें बहुत बुरा लगा था. मेंटल हेल्थ के मसले पर जेमिमा ने बताया, 'मुझे लगता है कि भगवान ने एक चीज मेरे अंदर रखी है जो है- कभी हार नहीं मानना. मुझे बस यह करना है कि जब भी मुश्किल दिन होता है तब मौजूद रहना है. बाकी सब खुद ब खुद हो जाएगा. जिस हालात से मैं गुजरी हूं उससे बहुत सारे लोग जाते हैं. मैं बस सबसे यही कहना चाहती हूं कि बस डटे रहो. चीजें बेहतर हो जाएंगी.'
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